हौज़ा न्यूज़ एजेसी की रिपोर्ट के अनुसार, ईरान के राष्ट्रीय सोशल मीडिया केंद्र और सोशल मीडिया रिसर्च सेंटर के सहयोग से 12 दिवसीय पवित्र रक्षा के विषय पर सक्रिय सोशल मीडिया प्रचारकों की सेवाओं के सम्मान में एक कांफ्रेंस आयोजित की गई, जिसमें छात्र, शिक्षक, सरकारी प्रतिनिधि और सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं ने भाग लिया। इस अवसर पर वक्ताओं ने उन प्रचारकों की सेवाओं की सराहना की जिन्होंने पवित्र रक्षा के संदेश को पूरी दुनिया तक प्रभावी ढंग से पहुँचाया।
जामिया अल-ज़हरा की प्रचार व सोशल मीडिया विभाग की प्रमुख श्रीमति निदा हिक़मतनिया ने बताया कि छात्राओं ने युद्ध की शुरुआत से ही संगठित योजना के तहत गतिविधियाँ शुरू कीं और केवल 12 दिनों में तैयार व प्रसारित धार्मिक व क्रांतिकारी सामग्री को 51 मिलियन से अधिक आंतरिक व अंतर्राष्ट्रीय दर्शकों ने देखा। उनके अनुसार, जामिया अल-ज़हरा की छात्राओं की यह गतिविधि धार्मिक विचारों के मजबूती और प्रतिरोध के संदेश के प्रसार में एक मील का पत्थर साबित हुई।
हौज़ा ए इल्मिया के अंतरर्ष्ट्रीय शैक्षणिक व अनुसंधान केंद्र के प्रमुख, हुज्जतुल इस्लाम वल-मुस्लिमीन सय्यद जफ़र मूसवीज़ादे ने कहा कि पवित्र रक्षा के दौरान 300 प्रचारकों ने संगठित नेटवर्क के माध्यम से दुनिया के विभिन्न हिस्सों में प्रतिरोध व सहायता का संदेश पहुँचाया। उन्होंने कहा कि इस अनुभव ने साबित किया कि यदि प्रचारक ऐसी रणनीति अपनाएँ तो वे वैश्विक स्तर पर बौद्धिक प्रभाव डाल सकते हैं।
इस अवसर पर उच्च परामर्शीय फ़ज़ा-ए-मज़ाज़ी के प्रमुख डॉ. सय्यद मुहम्मद अमीन आक़ामीरी ने कहा कि आज प्रचार का वास्तविक मैदान सोशल मीडिया है और सोशल मीडिया में सक्रिय व्यक्तियों को दुश्मन की मनोवैज्ञानिक युद्ध के सामने आधुनिक साधनों व तकनीकी कौशल से लैस होना चाहिए। उन्होंने बताया कि वर्तमान में 75 प्रतिशत ईरानी लोग लेन-देन के लिए देशी प्लेटफॉर्म का उपयोग कर रहे हैं जो आत्मनिर्भरता का संकेत है।
उन्होंने जोर देकर कहा कि युवा पीढ़ी से प्रभावी संपर्क के लिए धार्मिक संदेश को तकनीकी, आधुनिक, रचनात्मक और गुणवत्तापूर्ण भाषा में प्रस्तुत किया जाना चाहिए और सोशल मीडिया में सक्रिय व्यक्तियों के बीच स्थायी संपर्क व सहयोग के नेटवर्क स्थापित किए जाएँ ताकि राष्ट्रीय एकता को बनाए रखा जा सके।
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