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दिन की हदीसः
तीन ऐसे काम जिनका सवाब हैरत अंगेज़ हैं
हौज़ा / रसूल अल्लाह (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि व सल्लम) ने एक रिवायत में तीन ऐसे कामों का ज़िक्र किया है जिनका सवाब हैरत अंगेज़ हैं।
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दिन की हदीसः
दरियादिली और कंजूसी में फ़र्क
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में दरियादिली और कंजूसी में फ़र्क समझाया है।
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सर्वोत्तम अख़लाक़ और अदब
हौज़ा / इमाम हसन अस्करी (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में सर्वोत्तम अख़लाक़ और अदब प्राप्त करने का तरीका बताया है।
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दिन की हदीसः
नैतिकता की छाया में सम्मान और अपमान!!
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन हज़रत अली (अलैहिस्सलाम) ने एक रिवायत में फ़रमाया है कि अच्छे और बुरे नैतिक गुण किसी व्यक्ति के सम्मान और अपमान का मापदंड हैं।
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बद अख़लाक़ी; जीवन में कड़वाहट का कारण
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में बुरे अखलाक़ की विशेषताएँ बताई हैं।
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बुरे आचरण का आजीविका पर प्रभाव
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन इमाम अली (अलैहिस सलाम) ने इस हदीस में बुरे आचरण का व्यक्ति की आजीविका पर पड़ने वाले प्रभाव को बताया है।
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दिन की हदीसः
शुक्रवार का सबसे अच्छा काम
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अलैहिस सलाम) ने फ़रमाया है कि पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि व सल्लम) और उनके अहले बैत (अलैहेमुस्सलाम) पर दुरूज भेजना शुक्रवार का सबसे अच्छा काम है।
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दिन की हदीस:
कुरआन करीम; फ़ितनों में बेहतरीन पनाह गाह
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने फितनों से बचने का बेहतरीन तरीका बताया है
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दिन की हदीसः
कुरान की तिलावत से घर को रोशन करें
हौज़ा/ पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहا अलैहि व आलेहि वसल्लम) ने इस रिवायत में घर पर कुरान पढ़ने की फजीलत का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
क़ुरआन से परिचित होने के आध्यात्मिक प्रभाव
हौज़ा/अमीरुल मोमेनीन (अलैहिस सलाम) ने इस रिवायत में क़ुरआन से परिचित होने के आध्यात्मिक प्रभावों पर प्रकाश डाला है।
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दिन की हदीसः
क़ुरआन की तिलावत का अज़ीम अज्र और सवाब
हौज़ा / पैग़म्बर (सल्लल्लाहो अलैहे व आलेहि व सल्लम) ने इस रिवायत में क़ुरआन की तिलावत के अज़ीम अज्र और सवाब का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
पिता पर बच्चे के तीन अधिकार
हौज़ा / इस रिवायत में, इमाम अली अलैहिस सलाम ने बच्चे के पिता पर अधिकारों का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
क़ुरआन की तिलावत का सवाब
हौज़ा / पैगंबर मुहम्मद (सल्लल्लाहो अलैहे वा आलेहि वसल्लम) ने इस रिवायत में क़ुरआन की तिलावत के सवाब और उसके लाभों का वर्णन किया है।
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दिन की हदीस:
जुमा की नमाज़ पढ़ने का सवाब
हौज़ा / हज़रत पैग़म्बर (स.ल.) ने एक रिवायत में जुमआ की नमाज़ के महत्व का ज़िक्र किया है।
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तक़वा के साथ अमल का महत्व
हौज़ा/ इस रिवायत में, इमाम सज्जाद (अ) ने तक़वा के साथ अमल करने के महत्व को समझाया है।
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दिन की हदीस:
हज़रत फातिमा ज़हेरा स.ल.का नाम "फातिमा" क्यों रखा गया?
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व. ने एक रिवायत में बयान फरमाया है कि अल्लाह ताला हज़रत फातिमा स.ल.की अज़मत की पहचान कर रहा है।
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दिन की हदीसः
पाखंड; बाहर से सुंदर लेकिन असल में बहुत बुरा है
हौज़ा / यह परंपरा बताती है कि किसी व्यक्ति का बाहर से सुंदर लेकिन अंदर से बीमार होना कितना बुरा है।
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दिन की हदीसः
बातिन की ज़ाहिर पर बरतरि और फ़ौक़ीयत
हौज़ा/ इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने एक रिवायत में क़यामत के दिन बातिन के ज़ाहिर से बेहतर फल देने की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
जुमे के ग़ुस्ल का महत्व
हौज़ा/ इस रिवायत में, गु़ुस्ल के जुमा को तहारत और पापों की क्षमा का साधन बताया गया है।
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शरई अहाम । मश्कूक सज्दागाह के साथ नमाज़ पढ़ने का हुक्म
हौज़ा / अयातुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने सजदे के सही होने की शर्तों और सज्दागाह पर किसी मानेअ चीज़ की उपस्थिति के शक से संबंधित एक प्रश्न का उत्तर दिया है।
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नेमतों के लिए शुक्रगुज़ार होने का महत्व
हौज़ा / इस रिवायत में, इमाम जवाद (अ) ने नेमतों के लिए शुक्रगुज़ार होने के महत्व को समझाया है।
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दिन की हदीसः
नेमत पर शुक्र, सर्वोत्तम और स्थायी नेमत
हौज़ा / इमाम हादी (अ) ने एक हदीस में नेमत पर शुक्र के महत्व पर प्रकाश डाला है।
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दिन की हदीसः
दिल से शुक्रिया अदा करने का इनाम
हौज़ा/ इस रिवायत में, अमीरुल मोमिनीन इमाम अली (अ) ने अल्लाह की नेमतों के लिए दिल से शुक्रिया अदा करने के इनाम की ओर इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
बीमारों की मदद करने का अज्र और सवाब
हौज़ा/ पैग़म्बर (स) ने इस हदीस में बीमारों की सेवा करने और उनकी ज़रूरतें पूरी करने के अज़ीम सवाब का वर्णन किया है।
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दिन की हदीसः
हर साँस के बदले शुक्र
हौज़ा/ इस रिवायत में, इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने अल्लाह के बंदों को सलाह दी है कि वे अपने जीवन के हर पल को अल्लाह की नेमतों के लिए शुक्र करने का अवसर समझें।
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नेमतो मे बढ़ोतरी का राज़
हौज़ा / इस रिवायत में इमाम मुहम्मद बाक़िर (अ) ने बंदों की शुक्रगुज़ारी और अल्लाह की नेमतों के लगातार बने रहने के दरमियान के रिश्ते की तरफ़ इशारा किया है।
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दिन की हदीसः
ग़ैबत के ज़माने में ईमान की मज़बूती
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक हदीस में ग़ैबत के ज़माने में दीन और ईमान को बचाए रखने की कठिनाई का ज़िक्र किया है।