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सामाजिक व्यवहार विनम्रता और शुद्धता पर आधारित होना चाहिए
हौज़ा/सुश्री मुत्तक़ीफ़र ने कहा: सामाजिक व्यवहार, विशेष रूप से विपरीत लिंग के साथ बातचीत, विनम्रता और शुद्धता पर आधारित होनी चाहिए।
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सच्चा पश्चाताप भाग्य बदलने की कुंजी है
हौज़ा / शबे क़द्र को एक सभा को संबोधित करते हुए उर्मिया स्थित मदरसा जैनब कुबर (स) की प्रधानाचार्य जैनब कुलीजादेह ने कहा कि पश्चाताप और क्षमा मांगना, कुरान का पाठ और दुआएं किसी व्यक्ति की किस्मत बदल सकती हैं। उन्होंने शबे क़द्र के महत्व पर जोर देते हुए कहा कि ये रातें पूरे वर्ष की नियति तय करने वाली रातें हैं, जिनका भरपूर उपयोग किया जाना चाहिए।
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आधुनिक युग में बच्चों की धार्मिक शिक्षा / माता-पिता को बच्चों के साथ धार्मिक मुद्दों…
हौज़ा /विश्वविद्यालय के शिक्षक ने कहा: माता-पिता और बच्चों के बीच वैचारिक मतभेद परिवार के लिए एक गंभीर चुनौती बन सकते हैं, लेकिन अगर समझदारी से निपटा जाए, तो इन मतभेदों को विभिन्न मुद्दों पर सीखने और सुधार करने के अवसरों में भी बदला जा सकता है।
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विश्वास और कड़ी मेहनत ही समस्याओं का समाधान है: सुश्री फहीमा मुत्तकिफ़र
हौज़ा/हौज़ा इल्मिया किरमान की शिक्षिका फ़हीमा मुत्तक़ीफ़र ने हज़रत मरियम (अ) की घटना के प्रकाश में कहा कि विश्वास और व्यक्तिगत प्रयास जीवन की समस्याओं में सफलता की कुंजी हैं।
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इमाम हसन मुज्तबा (अ) की इस्लामी उम्माह से अपेक्षाएँ / ईश्वरीय प्रसन्नता प्राप्त करना…
हौज़ा / अराक स्थित अल-ज़हरा (स) मदरसा के सांस्कृतिक मामलों के प्रमुख ने कहा: शियाओं के दूसरे इमाम, हज़रत इमाम हसन मुज्तबा (अ) इस्लामी उम्माह और उनके अनुयायियों से कुछ बुनियादी अपेक्षाएं रखते हैं, जिनमें ईश्वर की प्रसन्नता को केंद्र में रखना, ज्ञान और बुद्धि प्राप्त करने का महत्व, चिंतन और मनन, तथा सांसारिक जीवन में संघर्ष करना शामिल है।
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तेहरान में 32वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी में बच्चों के लिए अद्वितीय शैक्षिक…
हौज़ा/तेहरान में आयोजित 32वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी में बच्चों को कुरान के करीब लाने के लिए अनोखे और दिलचस्प तरीके पेश किए गए, जिनमें खेल, कहानियां और आधुनिक शैक्षिक गतिविधियां शामिल थीं। विशेषज्ञों का कहना है कि माता-पिता और शिक्षकों के संयुक्त प्रयास से बच्चों में कुरान की शिक्षा को प्रभावी और टिकाऊ बनाया जा सकता है।
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32वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी: कुरानिक शोध और महिलाओं की भूमिका पर विशेष चर्चा
हौज़ा/32वीं अंतर्राष्ट्रीय कुरान प्रदर्शनी में महिलाओं के कुरानिक अनुसंधान और भूमिका पर गहन चर्चा हुई। विभिन्न क्षेत्रों की महिलाओं ने इस बात पर जोर दिया कि कुरान को समझना और उसके अनुसार कार्य करना न केवल व्यक्तिगत रूप से बल्कि समाज में भी महिलाओं के लिए सुधार का साधन हो सकता है। इस उद्देश्य के लिए, महिलाओं तक कुरान की शिक्षाओं का प्रसार करने, अनुसंधान के अवसरों को बढ़ाने तथा आधुनिक संसाधनों का उपयोग करने की आवश्यकता है।
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इमाम हसन (अ) के पालन-पोषण में हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स) की प्रेरणादायक भूमिका
हौज़ा / ईरान के सावा शहर में स्थित फातिमा ज़हरा (स) मदरसा इल्मिया की प्रधानाध्यापिका सुश्री ज़हरा मदनी ने कहा है कि हज़रत फातिमा ज़हरा (स) ने न केवल एक दयालु और आदर्श माँ के रूप में, बल्कि एक आदर्श धार्मिक नेता के रूप में भी इमाम हसन मुजतबा (अ) के पालन-पोषण में एक मौलिक भूमिका निभाई।
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ऋण देना दान देने से अधिक मूल्यवान और लाभकारी कार्य है ः सुश्री फ़हीमा मुत्तक़ीफ़र
हौज़ा / किरमान मे महिला धार्मिक मदरसे की शिक्षिका सुश्री फहीमा मुत्तक़ीफ़र ने कहा: ऋण देना भी जीविका प्रदान करने का एक तरीका है, और अल्लाह इसकी भरपाई करता है। ऋण देना दान देने से अधिक मूल्यवान है, क्योंकि यह व्यक्ति के आत्मसम्मान की रक्षा करता है।
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मुस्लिम महिलाओं को वैश्विक विकास में सूचित और सक्रिय दृष्टिकोण के साथ भाग लेना चाहिएः…
हौज़ा / महिला अध्ययन के एक शोधकर्ता ने कहा: इमामीया फ़िक़्ह में मुस्लिम महिलाओं का विशेष स्थान है और उन्हें सचेत और सक्रिय दृष्टिकोण के साथ वैश्विक विकास में भाग लेना चाहिए।
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रमज़ान उल मुबारक; बच्चों को प्रशिक्षित करने का सबसे अच्छा समय
हौज़ा /धार्मिक दृष्टिकोण से, रमज़ान उल मुबारक का महीना बच्चों और बड़ों सभी के लिए नेकी, धर्मपरायणता और चरित्र निर्माण का महीना है। ऐसे में, विशेष रूप से माताओं को अपने बच्चों के लिए प्रशिक्षण और चरित्र निर्माण के संदर्भ में इस धन्य महीने के महत्व पर प्रकाश डालना चाहिए और उन्हें रोज़े के वास्तविक उद्देश्य से अवगत कराना चाहिए।
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पिता और पुत्री के बीच खूबसूरत रिश्ता, एक मजबूत परिवार की नींव; जामेअतुज़ ज़हरा की…
हौज़ा/ जामेअतुज़ ज़हरा (स) की शिक्षिका ने कहा कि एक पिता का मजबूत और दयालु होना पुत्री के पालन-पोषण में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। उन्होंने कहा कि एक अच्छा पिता-पुत्री संबंध एक मजबूत परिवार की नींव रखता है।
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नई पीढ़ी की शैक्षिक चुनौतियों की समीक्षा/साइबरस्पेस से बच्चों को कैसे बचाएं -1
हौज़ा/ डीजीटल दुनिया अपने अनेक आकर्षणों से किशोरों को आकर्षित करती है, जिनमें रोमांचक खेलों से लेकर सामाजिक समूह तक शामिल हैं, लेकिन ये आकर्षण जीवन के इस संवेदनशील दौर में डिजिटल लत और गंभीर नुकसान का कारण बन सकते हैं। इस रिपोर्ट में, हम इन नुकसानों को रोकने के तरीकों की जांच कर रहे हैं, जिनमें मीडिया साक्षरता बढ़ाना और साइबरस्पेस के लिए आकर्षक विकल्प तैयार करना शामिल है।
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अहले-बैत (अ) की ज़ियारत इंसान को दुनयावी आकर्षणों से दूर करके आध्यात्मिक उन्नति का…
हौज़ा / श्रीमति मुनीरा सादात कामरानी ने कहा: इंसान अहले-बैत (अ) की बार बार ज़ियारत और मुलाकात से आशीर्वाद प्राप्त करता है।
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इंतजार करने वाले, ज़ुहूर के लिए मार्ग कैसे प्रशस्त करें
हौज़ा / दिलीजान के मदरसा फ़ातिमा मासूमा की कोशिशों से मुंजी ए बशरीयत इमाम महदी (अ) के शुभ जन्म दिवस के उपलक्ष्य में एक समारोह आयोजित किया गया, जिसमें मदरसा की प्रमुख श्रीमति क़नबरी ने संबोधित किया।
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क्रांति की उपलब्धियों और इमाम ज़माना(अ) के बारे में युवाओं को जागरूक करना ज़रूरी…
हौज़ा / हौज़ा इल्मिया खुरासान की महिला स्कूलों की शिक्षक ने कहा कि क्रांति की उपलब्धियों को नई पीढ़ी तक पहुंचाना और लोगों को इमाम ज़माना (अ) से परिचित कराना बहुत महत्वपूर्ण है।
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ईरान की इस्लामी क्रांति में महिलाओं की भूमिका प्रतीकात्मक भागीदारी से बढ़कर है
हौज़ा / चालूस के महिला मदरसा इमाम हुसैन (अ) की शोध उपप्रमुख ने कहा: महिलाओं की भूमिका ईरान की क्रांति में केवल एक प्रतीकात्मक भागीदारी तक सीमित नहीं थी, बल्कि उन्होंने क्रांति की सभी अवस्थाओं में सक्रिय भागीदारी निभाई, चाहे वह क्रांति से पहले के संघर्ष हों या इस्लामी गणराज्य की स्थिरता में योगदान हो।
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हज़रत रसूल अल्लाह (स) की ज़ात,जीवन का सबसे कामिल नमूना हैः श्रीमति निज़ामाबादी
हौज़ा / मदरसा इल्मिया फातिमा ज़हरा स. अराक की उस्ताद, श्रीमति निज़ामाबादी ने पैगंबर अकरम स.ल.व. की सीरत को इंसानी ज़िंदगी के लिए सबसे पूर्ण आदर्श क़रार देते हुए कहा कि अगर हम आपकी हयात-ए-तय्यबा से रहनुमाई हासिल करें तो दुनिया और आख़िरत की सआदत हासिल कर सकते हैं।
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वासना का तर्कसंगता पर हावी होना,लीबिरल जीवनशैली के प्रचार का एक परिणाम है
हौज़ा / मीडिया साक्षरता की शिक्षक और यूनिवर्सिटी की प्रोफेसर डॉ. मासूमा नसीरी ने कहा: आज के समय में, दुनिया भर में लीबिरल और भौतिकवादी जीवनशैली के प्रचार का एक परिणाम यह है कि इच्छाशक्ति "वासना" तर्कशक्ति "तर्कसंगता"पर हावी हो गई है।
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पैगंबर की बेअसत, जाहेलियत काल की अंधेरी रात मे एक चिराग़ थीः सआदत आगाह
हौज़ा/श्रीमति सआदत आगाह ने कहा कि पैगंबर मुहम्मद (स) की बेअसत एक ऐसे समय में हुई जब इंसानियत अंधेरे में डूब चुकी थी।