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दुनयावी मामलों में दीनी मरजेईयत और विलायत का आधार आइम्मा (अ) के ज़माने से ही मौजूद…
हौज़ा/ आयतुल्लाह शेख बहाई ने कहा: मरजेईत के विलायत ए फ़क़ीह का मुद्दा आइम्मा (अ) के ज़माने से ही चला आ रहा है। इमाम हसन असकरी (अ) ने कहा, "علیک بالزکریا بن آدم المأمون علی الدین و الدنیا अलैका बिज़ जकारिया बनि आदम अल मामूनो अलद दीने व दुनिया," जो दर्शाता है कि दुनियावी मामलों में दीनी मरजेईय और विलायत का आधार इमामों के ज़माने से ही मौजूद था।
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इस्लामी उम्मत को केवल प्रतिरोध से ही बचाया जा सकता है: आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / क़ुम के इमाम जुमा आयतुल्लाह अली रज़ा आराफ़ी ने अपने जुमे के ख़ुत्बे में कहा कि स्नैपबैक अमेरिका और पश्चिम की अहंकारी नीति का हिस्सा है जो सभ्यतागत युद्ध के ज़रिए इस्लामी उम्मत को कमज़ोर करने की कोशिश कर रही है, और ईरान और इस्लामी उम्मत का अस्तित्व केवल प्रतिरोध में निहित है, और यही मुक्ति का एकमात्र रास्ता है।
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ईरानी संसद के अध्यक्ष आयतुल्लाह मकारिम शीराजी से मुलाकात / सर्वोच्च धार्मिक नेता…
हौज़ा / कुम अलमुकद्देसा में ईरानी संसद के अध्यक्ष ने आयतुल्लाह मकारिम शीराजी से मुलाकात की जिसमें आयतुल्लाहिल उज़मा मकारिम ने जनता की अर्थव्यवस्था में सुधार और युवाओं की समस्याओं के समाधान पर ध्यान देने पर ज़ोर दिया।
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क़ुम का ज्ञान और शिया धर्म का केंद्र बनना, अहले-बैत (अ) का एक चमत्कार है
हौज़ा / हज़रत मासूमा क़ुम (स) की दरगाह के ख़तीब, हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लिमीन मुहम्मद हादी हिदायत ने हज़रत फ़ातिमा मासूमा (स) की फ़ज़ीलत और क़ुम की अहमियत बयान करते हुए कहा कि इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने बताया था कि एक महिला जिसका नाम "फ़ातिमा" होगा, क़ुम में दफ़न की जाएगी और जो कोई भी उसकी ज़ियारत करेगा उसे जन्नत नसीब होगी।
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हज़रत फ़ातिमा मासूमा स.ल.कि शहदत के मौके पर पूरे ईरान में शोक का माहौल
हौज़ा / ईरान और विशेष रूप से क़ुम अलमुकद्देसा में आठवें इमाम अली रज़ा अ.स. की बहन हज़रत फ़ातिमा मासूमा शहादत के मौके पर मोमनिन ने ग़म मानते हुए अजादारी की।
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धार्मिक शिक्षाओं को बढ़ावा देने में हौज़ा ए इल्मिया की ज़िम्मेदारी आज पहले से कहीं…
हौज़ा / हुज्जतु इस्लाम वल मुस्लेमीन हामिद मलिकी ने अहले बैत (अ) की शिक्षाओं को बढ़ावा देने में मीडिया क्षमताओं के इस्तेमाल पर ज़ोर दिया और कहा: धार्मिक शिक्षाओं को बढ़ावा देने में हौज़ा ए इल्मिया की ज़िम्मेदारी पहले से कहीं ज़्यादा गंभीर हो गई है।
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क़ुम अलमुकद्देसा में ईरानी पार्लियामेंट के स्पीकर की मराजय ए इकराम से मुलाकात विभिन्न…
हौज़ा / इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान की मजलिस-ए-शूरा-ए-इस्लामी के अध्यक्ष मोहम्मद बाकिर क़ालीबाफ ने अपनी यात्रा के दौरान पवित्र शहर क़ुम का दौरा किया और हज़रत फातिमा मासूमा स.ल. के हरम की ज़ियारत की तथा वरिष्ठ धार्मिक नेताओं मराजय ए इकराम से मुलाक़ातें कीं।
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12 दिन के युद्ध से दस गुना अधिक शक्ति से हमला हम कर सकते हैं।वरिष्ठ ईरानी कमांडर
हौज़ा / इस्लामिक क्रांति गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के एक वरिष्ठ कमांडर ने चेतावनी दी है कि किसी भी आक्रमण पर दुश्मन को पहले से कहीं अधिक कठोर और करारा जवाब दिया जाएगा।
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ज़ुल्म और मासीयत क़यामत की तारीकी हैं। आयतुल्लाह हाशिमी अलिया
हौज़ा / आयतुल्लाह हाशिमी अलिया संस्थापक मदरसा इल्मिया क़ायम अ.ज. शहर चीज़र ने अपने दर्स-ए-अख़लाक में कहा कि ज़ुल्म और गुनाह इंसान की ज़िंदगी को तबाह और क़यामत में उसके लिए अंधेरा का सबब बनता हैं।
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विद्वानों और छात्रों को नहजुल-बलाग़ा के साथ निरंतर शैक्षणिक और शैक्षिक संपर्क बनाए…
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन अली रज़ा पनाहियान ने कहा: मदरसों, उच्च मदरसा केंद्रों, विश्वविद्यालयों और स्कूलों में नहजुल-बलाग़ा पर पाठ्यक्रम नहजुल-बलाग़ा आंदोलन को बढ़ावा देने में बहुत प्रभावी हैं।
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शहीद सय्यद हसन नसरूल्लाह की सबसे महत्वपूर्ण विशेषता कुरान में उनकी शिक्षा थी
हौज़ा/ शहीद ए मुक़ावेमत सय्यद हसन नसरूल्लाह उन उदाहरणों में से एक हैं जिनके बारे में पवित्र कुरान कहता है: "ईमान वालों में ऐसे लोग भी हैं जो अल्लाह से किए गए अपने वादे पर खरे उतरते हैं।" युवाओं और प्रियजनों को यह जानना चाहिए कि जीवन का सही मार्ग यही है कि हम इसी मार्ग पर चलें।
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क़ुम अल मुक़द्देसा में शहीद ए मुक़ावेमत सय्यद हसन नसरूल्लाह की पहली बरसी पर काव्य…
हौज़ा/ शहीद ए मुक़ावेमत सय्यद हसन नसरूल्लाह की पहली बरसी पर क़ुम स्थित "मुज्तमेअ आमूज़िश फ़िक़्ह व मआरिफ़" में एक काव्य गोष्ठी का आयोजन किया गया, जहाँ विद्वानों और कवियों ने कविताओं और भाषणों के माध्यम से उन्हें श्रद्धांजलि अर्पित की।
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इजरायल के साथ युद्ध की कोई संभावना नहीं, ईरानी सशस्त्र बल हर पल तैयार
हौज़ा / ईरान की इस्लामिक क्रांति गार्ड्स कॉर्प्स (IRGC) के कमांडर इन चीफ के सांस्कृतिक और मीडिया सलाहकार ने कहा,इजरायल के साथ युद्ध की कोई संभावना नहीं है अब इजरायल में ईरान पर हमला करने की हिम्मत नहीं होगी।
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हौज़ा ए इल्मिया क़ुम विदेशों में स्थित हौज़ात ए इल्मिया का पूर्ण समर्थक है / धार्मिक…
हौज़ा / हौज़ा ए इल्मिया के अंतर्राष्ट्रीय एवं संचार मामलों के प्रमुख ने कहा: हम ईरानी हौज़ा ए इल्मिया द्वारा विदेशों में स्थित हौज़ात ए इल्मिया को पूर्ण समर्थन दिए जाने के लिए तैयार हैं।
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आयतुल्लाहिल उज़्मा सय्यद अली सिस्तानी की पत्नी के निधन पर आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई…
हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज्मा सैय्यद अली सिस्तानी की पत्नी के निधन पर आयतुल्लाहिल उज़्मा सैयद अली ख़ामेनेई ने गहरा दुःख व्यक्त करते हुए शोक संदेश जारी किया है।
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हौज़ा ए इल्मिया के मीडिया केंद्र का एक प्रमुख लक्ष्य ऑडियो प्रारूपों के निर्माताओं…
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन रज़ा रूस्तमी ने घोषणा की है कि "पहला पॉडकास्ट महोत्सव" बुधवार, 1 अक्टूबर, 2025 को क़ुम में आयोजित किया जाएगा।
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ईरान को एक और उपलब्धि; फार्मास्यूटिकल क्षेत्र में 90% आत्मनिर्भरता
हौज़ा / स्वास्थ्य स्रोतों के अनुसार, इस्लामी गणतंत्र ईरान अब अपनी 90% से अधिक चिकित्सा आवश्यकताओं का उत्पादन स्वयं करता है; इस सफलता से अरबों डॉलर की विदेशी मुद्रा की बचत के अलावा, अंतरराष्ट्रीय मानकों की सस्ती दवाएं जनता को उपलब्ध कराई जा रही हैं।
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मास्को एटम एक्सपो 2025 में ईरानी परमाणु आविष्कारों ने दुनिया का ध्यान खींचा
हौज़ा / रूस की राजधानी मास्को में आयोजित एटम एक्सपो 2025 में ईरानी परमाणु ऊर्जा संगठन के स्टॉल ने ईरानी वैज्ञानिकों की अत्याधुनिक परमाणु उपलब्धियों को विश्व के सामने प्रस्तुत किया जिसने प्रतिभागियों का भरपूर ध्यान आकर्षित किया।
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मेजर जनरल याह्या रहीम सफ़वी: हालिया ईरान-इज़राइल युद्ध में 16 इज़राइली पायलट मारे…
हौज़ा/इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाह सय्यद अली ख़ामेनेई के वरिष्ठ सैन्य सलाहकार मेजर जनरल याह्या रहीम सफ़वी ने खुलासा किया है कि ईरान पर थोपे गए 12-दिवसीय युद्ध के दौरान 16 से ज़्यादा इज़राइली पायलट मारे गए।
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क़ुम में सर्वोच्च नेता के संदेश के क्रियान्वयन पर दूसरी बौद्धिक बैठक; मदरसा प्रमाणपत्रों…
हौज़ा / क्रांति के सर्वोच्च नेता के संदेश के व्यावहारिक क्रियान्वयन के संबंध में पवित्र शहर क़ुम में दूसरी बौद्धिक बैठक आयोजित की गई, जिसमें प्रमुख शिक्षकों और शिक्षाविदों ने मदरसा की शैक्षिक और शोध संरचना और उसके वर्तमान मुद्दों पर विस्तार से चर्चा की। यह बैठक समकालीन न्यायशास्त्र कार्यालय द्वारा आयोजित की गई थी और इसकी अध्यक्षता मदरसा की सर्वोच्च परिषद के प्रमुख आयतुल्लाह शब ज़िंदादार ने की।