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ख़ामोशी का ज़हर और उत्पीड़ितों की पुकार
हौज़ा / यह दुनिया हमेशा एक ही सिद्धांत पर चलती आई है: शक्तिशाली अपने उत्पीड़न को उचित ठहराते हैं और कमजोर अपनी लाचारी के गवाह बनते हैं; लेकिन असली सवाल यह है कि हम कहां खड़े हैं? क्या हम उत्पीड़कों के साथ हैं या उत्पीड़ितों के साथ? अगर हम आज चुप हैं तो यह चुप्पी किसी और के लिए नहीं, बल्कि हमारे अपने कल के भाग्य के लिए है।
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जुम्अतुल विदा और क़ुद्स दिवस
हौज़ा / अमेरिका और इस्राइल जैसे महान शैतान के खिलाफ आवाज उठाने के लिए सिर्फ एक आजाद आदमी ही काफी ताकतवर होता है।
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रमज़ान उल मुबारक के सत्ताइसवें दिन की दुआ
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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कुद्स दिवस: पहले क़िबला की बाज़याबी का अंतर्राष्ट्रीय दिवस
हौज़ा/कुद्स दिवस हमें यह एहसास दिलाता है कि सही और गलत के बीच की इस लड़ाई में हम कहां खड़े हैं। यह दिन हमें फिलिस्तीन के उद्धार के लिए अपने विचार, कलम, कार्य और प्रार्थनाएं समर्पित करने का आह्वान करता है।
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बैतुल मुक़द्दस की बाज़याबी: कुरानी मार्गदर्शन और व्यावहारिक संघर्ष
हौज़ा/इस्लामिक रिपब्लिक ऑफ ईरान ने हमेशा फिलिस्तीनी प्रतिरोध और बैतुल मुक़द्दस की बाज़याबी को अपनी विदेश नीति का मुख्य स्तंभ बनाया है। ईरान न केवल फिलिस्तीनी लोगों के अधिकारों का समर्थन करता है, बल्कि इजरायल और अमेरिकी आक्रमण के खिलाफ भी लगातार सक्रिय है।
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कुद्स दिवस और मुस्लिम युवाओं की जागृति
हौज़ा/ रमज़ान का मुबारक महीना चल रहा है, मुसलमान अल्लाह के सामने सजदा कर रहे हैं और इसे कुरान से परिचित होने के प्रतीक के रूप में देखा जाता है। उत्पीड़ितों के लिए आवाज उठाना और उत्पीड़कों से दूरी बनाए रखना पवित्र कुरान का एक मौलिक और शाश्वत सिद्धांत है। यही कारण है कि जैसे-जैसे रमजान नजदीक आता है, यरुशलम पर अवैध ज़ायोनी कब्जे के खिलाफ 'कुद्स दिवस' की गूंज सुनाई देने लगती है।
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फ़ितरा के अहकाम । क्या उस बच्चे के लिए फ़ित्रा देना वाजिब है जो अभी भी माँ के गर्भ…
हौज़ा| अगर ईद की रात सूर्यास्त से पहले कोई बच्चा पैदा होता है, तो ज़कात-उल-फ़ित्रा देना अनिवार्य है।
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उत्पीड़ितों की रक्षा करना प्रत्येक मुसलमान पर वाजिब है
हौज़ा/ पैगम्बर मुहम्मद (स) ने एक रिवायत में उत्पीड़ितों की रक्षा के महत्व की ओर इशारा किया है।
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27 रमज़ान उल मुबारक 1446 -28 मार्च 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 27 रमज़ान उल मुबारक 1446 -28 मार्च 2025
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अल्लाह तआला के नज़दीक सिला ए रहमी का महत्व
हौज़ा / हज़रत इमाम अली अलैहिस्लाम ने एक रिवायत में अल्लाह तआला के नज़दीक सिला ए रहमी के महत्व की ओर इशारा किया हैं।
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फ़ितरा के अहकाम | किन परिस्थितियों में किसी गरीब व्यक्ति को फितरा देना वाजिब है?
हौज़ा /गरीब व्यक्ति को शराब पीने वाला, नमाज़ न पढ़ने वाला, या अनैतिकता और व्यभिचार करने वाला नहीं होना चाहिए।
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रमज़ान उल मुबारक के छब्बीसवें दिन की दुआ
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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26 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 27 मार्च 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः 26 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 27 मार्च 2025
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पवित्र कुरान की रोशनी में अहंकारियों का भाग्य
हौज़ा / कुरान के अनुसार अहंकार अल्लाह के प्रति विद्रोह और दूसरों के प्रति तिरस्कार का रवैया है, जो सदैव विनाश की ओर ले जाता है।
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शरई अहकाम । ज़कात-फ़ितरा अदा करने का समय क्या है? क्या पहले ज़कात-फ़ितरा अदा करना…
हौज़ा / ज़कात-फ़ितje अदा करने का समय ईद-उल-फ़ित्र की रात से लेकर ईद-उल-फ़ित्र के दिन ज़ुहर के समय तक हो सकता है, लेकिन इसे ईद के दिन अदा करना बेहतर है।
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रमज़ान उल मुबारक के पच्चीसवें दिन की दुआ
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।
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वर्तमान स्थिति के प्रति जागरूक रहने का महत्व
हौज़ा / इमाम जाफ़र सादिक (अ) ने एक रिवायत में समय की परिस्थितियों से अवगत रहने पर ज़ोर दिया है।
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25 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 26 मार्च 2025
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडरः25 रमज़ान उल मुबारक 1446 - 26 मार्च 2025
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फिलिस्तीनी मुद्दा और इस्लामी दुनिया
हौज़ा /इस्लामी दुनिया को फिलिस्तीनी मुद्दे की संवेदनशीलता और महत्व को समझना चाहिए। यदि इस्लामी दुनिया कुद्स मुद्दे पर एकजुट नहीं होती है, तो उनके पास एकता का इससे बेहतर कोई केंद्र नहीं होगा।
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रमज़ान उल मुबारक के चौबीसवें दिन की दुआ
हौज़ा / हज़रत रसूल अल्लाह स.ल.व.व.ने यह दुआ बयान फ़रमाई हैं।