हौज़ा /रक्त बलिदान देना एक प्रिय सुन्नत है, जो शब-ए-कद्र जैसी मुबारक रातों में श्रद्धालुओं का ध्यान केन्द्रित करती है। इमाम अली (अ) की शहादत की रात को रोजेदारों और रात्रि प्रहरीयों ने बीरजंद स्थित रक्त आधान केंद्र में भक्ति और प्रेम की भावना के साथ अपना रक्त दान किया।


 

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