कब्रिस्तान
-
तस्वीरें/ इमाम खुमैनी (र) की पुण्यतिथि के सिलसिले में दमिश्क में आयोजित समारोह
हौज़ा / इमाम खुमैनी (र) की 35वीं पुण्यतिथि समारोह सीरिया में सर्वोच्च नेता के कार्यालय के तत्वावधान में हज़रत ज़ैनब (स) हरम में आयोजित किया गया था, जिसमें राजनीतिक, राजनयिक, धार्मिक, सामाजिक और सामुदायिक हस्तियों ने भाग लिया।
-
तस्वीरें / क़ुम अल-मुक़द्देसा मे आयतुल्लाहिल उज़्मा बहजत की बरसी का आयोजन
हौज़ा / दिवंगत आयतुल्लाह मुहम्मद तकी बहजत की बरसी क़ुम अल-मुक़द्देसा में आयोजित की गई, जिसमें मराज ए के कार्यलयो के अधिकारियों और विद्वानो और छात्रो तथा जनता ने भाग लिया।
-
इमाम रज़ा (अ) के हरम मे मौलाना अली हैदर फ़रिश्ता का संबोधन;
इंसान न केवल कब्र के करीब हो, बल्कि अपने को कब्र वाले के करीब करे
हौज़ा / हैदराबाद दक्कन भारत के प्रसिद्ध और प्रमुख धार्मिक विद्वान, वक्ता और मजमा उलेमा वा ख़ुतबा हैदराबाद के संस्थापक और संरक्षक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना अली हैदर फ़रिश्ता पिछले शुक्रवार की रात इमाम रज़ा (अ) के हरम में मशहद की "ज़ियारत" की ।
-
इमाम ज़माना (अ.स.) का सच्चा अनुयायी धर्म के नियमों से बंधा हुआ है: आयतुल्लाह सईदी
हौज़ा / हज़रत मासूमा क़ुम (स) के हरम के संरक्षक ने कहा: इमाम ज़माना (अ) के ज़हूर की घोषणा काबा से की जाएगी। इमाम का ज़हूर धर्म के प्रचार और प्रसार के लिए होगा अतः एक सच्चे मुस्लमान का पहला कर्तव्य है कि उसे इस्लाम के नियमों का पालन करना चाहिए।
-
जन्नतुल मोअल्ला में हजरत अबू तालिब और हजरत खदीजा की कब्र पर भी दरगाह बनानी चाहिए ः मौलाना महबूब मेहदी आबिदी
हौज़ा / मौलाना उबैदुल्लाह खान आज़मी ने कहा कि इस्लाम का इतिहास तब तक पूरा नहीं होगा जब तक हज़रत अबू तालिब (अ) की दयालुता का उल्लेख नहीं किया जाता।
-
आयतुल्लाह आराफ़ी:
आयतुल्लाह साफी गुलपाएगानी (र) इस्लामी और शिया धर्मों की सीमाओं के संरक्षक थे
हौज़ा / हौज़ा इल्मिया के प्रमुख ने कहा: आयतुल्लाह साफी गुलपाएगानी (र) इमामत और अहले-बैत (अ) के रक्षक थे। उनका न्यायशास्त्रीय रुख बहुत दृढ़ और निर्णायक था और वे सवालों और मुद्दों का जवाब देने में बहुत सावधानी से काम करते थे।
-
गाजा में 1100 फिलिस्तीनियों की कब्रें खोदकर इजरायली सैनिक शव भी चोरी करके ले गए
हौज़ा / इज़राइली सैनिकों ने गाजा इलाके से हटने से पहले पड़ोस के कब्रिस्तान से कम से कम 150 नए दफन शहीदों के शव चुरा लिए।
-
इमाम ख़ुमैनी का निधन; हमारे लिए अनाथता के दिनों की शुरुआत थी
हौज़ा / उम्मते वाहेदा पाकिस्तान के प्रमुख अल्लामा अमीन शाहिदी ने आईएसओ पाकिस्तान के तहत इमाम खुमैनी की पुण्यतिथि के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि इमाम खुमैनी की मृत्यु का समय वास्तव में हमारे लिए अनाथों के दिनों की शुरुआत थी।
-
शहीद कासिम सुलेमानी की पुण्यतिथि के अवसर पर संगोष्ठी + तस्वीरें
हौज़ा / शहीद कासिम सुलेमानी की तीसरी पुण्यतिथि के अवसर पर शहीद बहोना विश्वविद्यालय किरमान में एक सभा का आयोजन किया गया।
-
सेमिनारः
इमाम खुमैनी के महान विचार और उपलब्धियां
हौज़ा / इमाम खुमैनी के बरसी के अवसर पर बानी ए तंज़ीम अल मकातिब हॉल में "इमाम खुमैनी के महान विचार और उपलब्धियां" नामक एक संगोष्ठी आयोजित की गई।
-
विलायत यूथ काउंसिल द्वारा पुणे में इस्लामी क्रांति के संस्थापक की बरसी
हौज़ा / युवा एवं किशोर समिति विलायत यूथ काउंसिल ने हजरत इमाम खुमैनी को श्रद्धांजलि देने के लिए हजरत रजा शाह फकीर तकिया शिया ट्वेंटीथ ट्रस्ट में सहानुभूति बैठक की।
-
हुज्जत-उल-इस्लाम सैयद हसन खुमैनीः
इमाम खुमैनी में कई गुण थे और उनके मन में कई लक्ष्य थे महान क्रांति लाने में सफल रहे
हौज़ा / इमाम ख़ुमैनी के मज़ार के ट्रस्टी ने कहा: अगर हम इमाम खुमैनी (र.अ.) के जीवन का अध्ययन करें, तो हमें उनके जीवन में कई उज्ज्वल बिंदु दिखाई देंगे। उनमे कई गुण थे और उनके मन में कई लक्ष्य थे महान क्रांति लाने में सफल रहे।
-
शहीद चुने हुए लोग हैं, शहीद वे हैं जिन्हें महान परवरदिगार चुनता हैः सर्वोच्च नेता
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई ने कहा: शहादत अध्यात्म की चोटी है और हर चोटी पर पहुंचने के लिए उसके आंचल से गुज़रना होता है; उस आंचल से गुज़रना होता है, उस चोटी के दामन में रास्ता ढूंढना और उस रास्ते से जाना होता है ताकि हम चोटी पर पहुंच सकें वरना दामन से गुज़रे बिना चोटी तक पहुंचना मुमकिन नहीं है। आयतुल्लाहिल उज़्मा ख़ामेनेई ने शहीदों की शवयात्रा में लोगों की शिरकत को चाहे पवित्र प्रतिरक्षा के दौरान या उसके बाद अंजाम पायी हो, पवित्र प्रतिरक्षा के उन विषयों में बताया जिन पर कम ध्यान दिया गया। शहीदों ने सही रास्ते को चुना और अल्लाह ने भी उन्हें मक़सद तक पहुंचने के लिए चुना। शहीदों की क़ीमत को भौतिक हिसाब से आंका नहीं जा सकता।”
-
जन्नतुल बक़ीअ में रौज़े की तामीर मुस्लिम उम्मा की एकता से ही संभव है, मौलाना महबूब मेहदी
हौज़ा / क्रांतिकारी विचारक मौलाना सैयद मंजूर रजा आबिदी ने कहा कि जन्नतुल बक़ीअ न केवल शियाओं के लिए बल्कि पूरे इस्लामी जगत के लिए भी एक मुद्दा है। इसी तरह, सभी विचारधाराओं को जन्नतुल बक़ीअ के निर्माण के संबंध में अपनी आवाज उठानी चाहिए।
-
आंध्र प्रदेश, चित्तूर में 300 से ज्यादा घर होने के बावजूद शियाओं का कब्रिस्तान नहीं, उन्हें दफनाने के लिए शहर से दूर जाना पड़ता है
हौज़ा / आंध्र प्रदेश के चित्तूर शहर में 300 से अधिक शियाओं की आबादी है, जिसका अर्थ है कि लगभग 100 शिया घर हैं, लेकिन चूंकि कोई अलग शिया कब्रिस्तान नहीं है, इसलिए मोमेनीन के शवों को शहर से 25 किमी दूर औलकंडा दफनाने के लिए ले जाना पड़ता है।