प्रवासन
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शोधकर्ता और डॉ. मुर्तज़ा इंफेरादी के साथ बातचीत;
इमाम मूसा काज़िम (अ) को मदीना से इराक़ में जबरन निर्वासित करने का कारण
हौज़ा / हौज़ा न्यूज़ संवाददाता ने अस्तान कुद्स रिज़वी में इस्लामिक रिसर्च फाउंडेशन के सामाजिक अध्ययन विभाग के शोधकर्ता के साथ हज़रत इमाम मूसा काज़िम (अ) के जीवन पर चर्चा की है।
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शरई अहकाम:
क्या सिनेमा हॉल जाना जायज़ है?
हौज़ा | वहां जाकर ऐसी फिल्में देखने से मना किया जाता है जो दर्शकों पर बुरा (नकारात्मक) प्रभाव डालती हैं और उसे वासना से मोहित या उत्तेजित करती हैं, बल्कि एहतियात के तौर पर नग्न या अर्ध-नग्न तस्वीरें देखने से पूरी तरह बचें।
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शरई अहकाम:
क्या महिलाओं के लिए दार उल-कुफ़्र से दार उल-इस्लाम में प्रवास करना आवश्यक है?
हौज़ा / ईरान की इस्लामी क्रांति के सर्वोच्च नेता आयतुल्लाहिल उज्मा सय्यद अली ख़ामेनई ने महिलाओं के लिए दार उल-कुफ़्र से दार उल-इस्लाम में प्रवास करने से संबंधित पुछे गए सवाल का जवाब दिया है।
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सबसे अच्छी और उच्चतम इबादत का दूसरा नाम इफ़्फ़त है: मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिज़वी
हौज़ा / मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी ने अपने भाषण में कहा कि वासना कभी कामुक, कभी आर्थिक, कभी बातूनी और कभी दैहिक होती है, इन तमाम वासनाओं को पवित्रता में बदलने के लिए धर्म के संविधान का सहारा लेना पड़ता है। यौन इच्छा से बचने का उपाय समय पर शादी करना है। बड़ों की जिम्मेदारी है कि युवा की शादी समय पर करें। आसान विवाह को बढ़ावा दिया जाना चाहिए ताकि कठिन तलाक न हो।
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धार्मिक उपदेशकों के लिए इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) की तीन महत्वपूर्ण सलाह
हौज़ा / कुर्दिस्तान प्रांत में वली फकीह के प्रतिनिधि ने कहा: हज़रत इमाम जाफ़र सादिक (अ.स.) ने विद्वानों और उपदेशकों के लिए तीन महत्वपूर्ण सलाह दी हैं। पहला यह है कि आप लोगों से अच्छी तरह बात करे और उनका अपमान या उपहास नहीं करे, दूसरा यह है कि आप लोगों के सामने अपनी भाषा और शब्दों की रक्षा करे और तुम्हारे मुंह से ऐसे बे पर कोई शब्द नहीं निकले, और तीसरा गुण है कि आप धर्म का प्रचार करे अतिरिक्त शब्दों से बचें।
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इमाम रज़ा (अ.स.) का प्रवासन, धार्मिक मूल्यों को बढ़ावा देने का कारण बना, आयतुल्लाह आराफ़ी
हौज़ा / ईरानी धार्मिक मदरसा के प्रमुख ने कहा कि ईरान में इमाम रज़ा (अ.स.) की उपस्थिति ईरान और दुनिया के इतिहास में महत्वपूर्ण प्रगति और परिवर्तन का स्रोत थी और फिर इमाम (अ.स.) की मंशा के अनुसार हजरत फातिमा मासूमा (स.अ.) का प्रवासन अपने साथ बहुमूल्य अवशेष और आशीर्वाद लेकर आया। क़ुम सहित ईरान के अन्य शहरों में 400 से अधिक इमाम ज़ादो का धन्य अस्तित्व इसी चमकदार प्रवास के कारण है।