हौज़ा /मस्जिदें सामाजिक मुद्दों के हल के लिए एक केंद्र का रोल अदा कर सकती हैं। अफसोस की बात है कि कुछ लोग धर्म से जुड़े होने के बावजूद चरमपंथी रवैयों ने नकारात्मक भावनाओं को जन्म दिया है।