हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की एक रिपोर्ट के अनुसार, 26 जनवरी के अवसर पर मदरसा अल-काइम क़ुम अल-मुक़द्देसा में एक भव्य समारोह आयोजित किया गया, जिसमें बड़ी संख्या में छात्रों ने भाग लिया और अपनी मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया। यह कार्यक्रम मगरिब की नमाज के बाद शाम 7 बजे से 9 बजे तक आयोजित किया गया।
कार्यक्रम की शुरुआत मौलाना फैजुल हसन द्वारा पवित्र कुरान के पाठ के साथ हुई, जिसके बाद राष्ट्रगान गाया गया। इसके बाद हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना सैयद मुहम्मद जौन आबिदीन ने अपने संबोधन में भारत के इतिहास में मुस्लिम शासकों की भूमिका पर प्रकाश डाला। उन्होंने कहा कि भारत ने मुस्लिम शासकों के काल में महत्वपूर्ण प्रगति की, जिसका उदाहरण ताजमहल और दिल्ली में जामा मस्जिद जैसी इमारतें हैं। उन्होंने यह भी कहा कि अंग्रेजों ने भारत को सिर्फ लूटा और पिछड़ा बनाया।
कार्यक्रम का संचालन हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लिमीन मौलाना सैयद हैदर अब्बास रिजवी ने किया। इस अवसर पर बोलते हुए हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन मौलाना अली अब्बास खान ने भारत की आजादी में मुसलमानों की भूमिका और बलिदान पर विस्तृत चर्चा की।
मौलाना मुहम्मद काशिफ ने "जिंदा बद ऐ वतन" शीर्षक से एक सुंदर कविता प्रस्तुत की, जबकि मौलाना इरफान आलम पुरी और मौलाना नदीम सिरसिवी ने अपनी कविताओं के माध्यम से गणतंत्र दिवस के अवसर पर मातृभूमि के प्रति अपने प्रेम का इजहार किया।
यह कार्यक्रम हर वर्ष की भांति इस वर्ष भी मुशावरती काउंसिल (तशक्कुलहाए फरहांगी हिन्दुस्तान) द्वारा आयोजित किया गया, जिसमें विद्यार्थियों का उत्साह एवं देशभक्ति झलकी।
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