हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हिज़्बुल्लाह ने अपने बयान में इस हमले को इजरायली शासन का एक नृशंस और मानवता-विरोधी अपराध" बताया बयान में कहा गया कि यह हमला प्रतिरोध की आवाज़ को दबाने और सच्चाई को मिटाने की इजरायल की सुनियोजित आतंकवादी नीति का हिस्सा है।
हिज़्बुल्लाह ने आगे कहा कि यह हमला ईरान के जन-समर्थित और बुद्धिमान इस्लामी क्रांति के प्रति इजरायल की नफरत को दर्शाता है।
बयान में यह भी उल्लेख किया गया कि इजरायल ने अंतरराष्ट्रीय मानदंडों का उल्लंघन करते हुए मीडिया कर्मियों के खिलाफ यह हमला किया जबकि युद्ध के दौरान पत्रकारों और मीडिया संस्थानों की सुरक्षा सुनिश्चित करना अंतरराष्ट्रीय कानून का हिस्सा है।
हिज़्बुल्लाह ने इस घटना को इजरायल की "झूठी दलीलों" का एक और प्रमाण बताया, जिसमें उसने ईरान के सैन्य ठिकानों को निशाना बनाने का दावा किया था।
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