गुरुवार 3 जुलाई 2025 - 12:40
इमाम हुसैन अ.स. न्याय और अत्याचार के खिलाफ हक़ की आवाज़ : मौलाना इरफ़ान हुसैन

हौज़ा / हज़रत अबा अब्दिल्लाह इमाम हुसैन अ.स. के ग़म और मातम के दिनों में (मुहर्रम) के अवसर पर, इमाम रज़ा (अ.स.) के पवित्र हरम के सहन-ए-कुद्स में स्थित हुसैनिया में दुनिया भर से आने वाले ज़ायरीनों से भरा हुआ है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , हज़रत अबा अब्दिल्लाह इमाम हुसैन अ.स. के ग़म और मातम के दिनों में (मुहर्रम) के अवसर पर, इमाम रज़ा (अ.स.) के पवित्र हरम के सहन-ए-कुद्स में स्थित हुसैनिया में दुनिया भर से आने वाले ज़ायरीनों से भरा हुआ है यहाँ पाकिस्तानी ज़ायरीन और खादिमों द्वारा भी मातम और शोक समारोह आयोजित किए गए। 

इमाम हुसैन (अ.स.) के शोक के दिनों में, दूर-दराज के शहरों और देशों से ज़ायरीन मशहद-ए-रज़ा अ.स. पहुँचते हैं ताकि आठवें इमाम हज़रत इमाम अली रज़ा (अ.स.) के पास मातम और शोक समारोह आयोजित कर सकें।

इन ज़ायरीनों में पाकिस्तानी ज़ायरीनों की मौजूदगी और उनके पारंपरिक अंदाज़ में मजलिस और मातम के आयोजन ने हुसैनिया हरम को एक विशेष आध्यात्मिक माहौल प्रदान किया। 

पाकिस्तान के प्रसिद्ध वक्ता मौलाना इरफान हुसैन, जो तीन दशकों से मशहद शहर में इमाम रज़ा (अ.स.) के पास रह रहे हैं, ने अहलुलबैत (अ.स.) विशेषकर इमाम हुसैन (अ.स.) के प्रति अपने और अपने हमवतनों के प्यार और श्रद्धा के बारे में बताया।

उन्होंने कहा,इमाम हुसैन (अ.स.) की तहरीक और संदेश किसी खास मज़हब या कौम तक सीमित नहीं है, बल्कि यह पूरी मानवता से जुड़ा हुआ है।

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