सोमवार 25 अगस्त 2025 - 06:14
अज़ादारी; सब्र, अख़लाक़ और भाईचारे की सीख देती है: मौलाना मुज्तबा सफ़वी

हौज़ा / तलरज़ू बांडीपुरा में अंजुमन-ए-शरई शियान के तत्वाधान एक मजलिस  ए अज़ा का आयोजन हुआ उसके बाद 'अलम-ए-शरीफ' का जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी मनाने वालों  ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लेकर अहलेबैत अलैहिमुस्सलाम को शहीदों का पुर्सा दिया।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, तलरज़ू बांडीपुरा में अंजुमन-ए-शरई शियान के तत्वाधान एक मजलिस  ए अज़ा का आयोजन हुआ उसके बाद 'अलम-ए-शरीफ' का जुलूस निकाला गया, जिसमें हजारों की संख्या में इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की अज़ादारी मनाने वालों  ने बढ़-चढ़कर हिस्सा लिया।

इस मौके पर संबोधित करते हुए मौलाना सय्यद मुज्तबा अब्बास मूसवी सफ़वी ने अज़ादारी की भावना और उसके संदेश पर प्रकाश डालते हुए कहा कि अज़ादारी हमें हमेशा सब्र, अख़लाक़ और भाईचारे की सीख देती है।

उन्होंने हाल के दिनों में कुछ लोगों द्वारा कुछ धर्मगुरुओं के खिलाफ अशोभनीय और अनुचित भाषा के इस्तेमाल की सख्त शब्दों में निंदा की।

आग़ा मुज्तबा अब्बास ने कहा कि मतभत्त्व विचार और ज्ञान के क्षेत्र में हो सकता है, लेकिन मतभेद को हमेशा अख़लाक़ के दायरे में रखना चाहिए। अज़ादारी हमें यह शिक्षा देती है कि हम अपनी वाणी को पवित्र रखें और धर्मगुरुओं और धार्मिक हस्तियों का अपमान कदापि न करें।

उन्होंने आगे कहा कि धर्मगुरुओं का सम्मान वास्तव में धर्म और उम्मत (समुदाय) की महानता है और इमाम हुसैन की अज़ादारी मनाने वालों को चाहिए कि हर हाल में अपनी बातचीत और व्यवहार को अज़ादारी की गरिमा के अनुरूप रखें।

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