सोमवार 25 अगस्त 2025 - 13:42
इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की 10 प्रमुख नैतिक विशेषताएँ

हौज़ा / हज़रत इमाम अली बिन मूसा अलरज़ा अलैहिस्सलाम का पवित्र चरित्र मानवता के लिए एक महान आदर्श है आपकी इबादत, तक़्वा और उच्च नैतिकता की पुष्टि न केवल मित्रों बल्कि दुश्मनों ने भी की थी आपके जीवन का हर पहलू आज के इंसान के लिए एक व्यावहारिक सबक रखता है।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,हज़रत इमाम अली बिन मूसा अलरज़ा अलैहिस्सलाम का पवित्र चरित्र मानवता के लिए एक महान आदर्श है आपकी इबादत, तक़्वा और उच्च नैतिकता की पुष्टि न केवल मित्रों बल्कि दुश्मनों ने भी की थी आपके जीवन का हर पहलू आज के इंसान के लिए एक व्यावहारिक सबक रखता है।

इब्राहिम बिन अब्बास अलसूली कहते हैं,मैंने इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम से अधिक गुणी और उच्च नैतिक चरित्र वाला किसी को नहीं पाया। मैंने आपमें वे विशेषताएं देखीं जो किसी और में नहीं देखीं।

उनके अनुसार, इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम की कुछ प्रमुख विशेषताएं यह थीं:

1. विनम्र वाणी: आप कभी भी किसी से कठोर नहीं बोले।
2. धैर्यपूर्ण श्रोता: जब तक सामने वाला व्यक्ति अपनी बात पूरी नहीं कर लेता था, आप कभी उसकी बात नहीं काटते थे।
3. सहायता की भावना: यदि आप किसी की ज़रूरत पूरी करने की स्थिति में होते तो कभी इनकार नहीं करते थे।
4. विनम्र बैठने का तरीक़ा,मजलिस में बैठे हुए लोगों के सामने कभी पैर नहीं फैलाते थे (अन्यों का सम्मान करते थे)
5. सेवकों से दया का व्यवहार: दोस्तों और नौकरों को कभी बुरा भला नहीं कहते थे।
6. संयमित हँसी: आपकी मुस्कुराहट हल्की सी हँसी (मुस्कान) तक सीमित रहती थी, कभी ज़ोर से ठहाका नहीं लगाते थे।
7. समानता का भाव: खाने की मेज़ पर नौकरों, सेवकों और दरबानों को भी अपने साथ बिठाते थे और उनके साथ भोजन करते थे।
8. रातों की इबादत: रात में कम सोते थे और अधिकांश समय दुआ और मुनाजात (विनती) में बिताते थे।
9. नियमित रोज़े: अक्सर रोज़े रखते थे, विशेष रूप से हर महीने तीन रोज़े (अय्याम-ए-बीज़) अवश्य रखते थे और फरमाते थे:यह रोज़े ऐसे हैं जैसे पूरे जीवन भर के रोज़े।
10. गुप्त दान: गुप्त रूप से बहुत अधिक दान देते थे और नेक कामों को छिपकर करते थे।

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