मंगलवार 7 अक्तूबर 2025 - 14:53
इज़राइली जेल से रिहा हुई स्वीडिश कार्यकर्ता ग्रेटा थनबर्ग का बयान/फिलिस्तीन में क्रूर नरसंहार जारी है

हौज़ा / गाज़ा के मासूम लोगों के लिए राहत सामग्री ले जा रहे जहाज़ों पर इजरायली हमले के बाद गिरफ्तार किए गए अंतरराष्ट्रीय कार्यकर्ता ग्रीटा थनबर्ग और दर्जनों अन्य मानवाधिकार कार्यकर्ताओं को रिहाई के बाद यूनान भेज दिया गया जहाँ उन्होंने इजरायल के गंभीर अपराधों पर कड़ी प्रतिक्रिया व्यक्त की हैं।

हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इजरायली सेना ने गाजा के लिए रवाना हुए मानवीय राहत काफिले "समूद" को रोककर 479 कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया था जिनमें राहत संगठनों के सदस्य, पत्रकार और मानवाधिकार प्रतिनिधि शामिल थे। कई दिनों की राजनयिक कोशिशों के बाद इजरायल ने 341 लोगों को विभिन्न देशों में निर्वासित कर दिया।

यूनानी विदेश मंत्री के अनुसार, 161 लोगों को यूनान भेजा गया, जिनमें 27 यूनानी नागरिक और ग्रीटा थनबर्ग भी शामिल हैं।

एथेंस हवाई अड्डे पर मीडिया से बात करते हुए ग्रीटा थनबर्ग ने कहा,मैं स्पष्ट शब्दों में कहता हूँ कि फिलिस्तीन में एक क्रूर नरसंहार जारी है। दुनिया की बड़ी व्यवस्थाएँ और सरकारें फिलिस्तीनी लोगों के साथ विश्वासघात कर रही हैं। अंतरराष्ट्रीय संगठन मूक दर्शक बने हुए हैं और कोई भी शक्ति इजरायल के युद्ध अपराधों को रोकने की कोशिश नहीं कर रहा है।

इसी तरह स्पेन की राजधानी मैड्रिड पहुँचने वाले अन्य कार्यकर्ताओं ने भी इजरायली अत्याचारों के विवरण साझा किए। प्रसिद्ध वकील और फिलिस्तीनी आंदोलन के समर्थक राफेल बोर्गो ने बताया,हमें हिरासत में मारा-पीटा गया आँखों पर पट्टियाँ बाँध दी गईं जमीन पर घसीटा गया और जेल में हमें इजरायली झंडा पहनने के लिए मजबूर किया गया।

ग्रीटा थनबर्ग ने इस घटना की पुष्टि करते हुए कहा,हम केवल पीने का साफ पानी और खाना ले जा रहे थे, लेकिन हमें आतंकवादियों की तरह कैद करके अपमानित किया गया।

इसी क्रम में बार्सिलोना के पूर्व मेयर एडा कोला ने कहा,इजरायली सरकार के अमानवीय व्यवहार के बावजूद, यह पीड़ा उस दर्द के मुकाबले कुछ भी नहीं है जो हर दिन गाजा के बच्चे और महिलाएँ सहन कर रहे हैं।

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