हौज़ा न्यूज़ एजेंसी की रिपोर्ट के अनुसार, हौज़ा ए इल्मिया के अंतर्राष्ट्रीय इल्मी और तहक़ीक़ी कॉमपलैक्स के प्रबंधक हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सय्यद जाफ़र मूसवी ज़ादेह ने दो किताबों "अज़ इल्म ता तजर्बा" और "क़त्अन सनंतसिर" के विमोचन के मौके पर वैश्विक स्तर पर शैक्षिक अनुभव की अहमियत पर जोर देते हुए मजबूत अंतर्राष्ट्रीय हौज़वी संगठनो के लिए अपील की और हौज़ा ए इल्मिया की वैश्विक शैक्षिक व प्रचार गतिविधियों का पूरे समर्थन की घोषणा की।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय इंस्टीट्यूट "रविश अंदेशे मारफ़त" में आयोजित समारोह में इन पुस्तकों के लेखकों और संस्थान के प्रबंधकों की शैक्षिक कोशिशों की प्रशंसा करते हुए कहा: पुस्तक "अज़ इल्म ता तजरबा" मलेशिया और इंडोनेशिया के शैक्षिक यात्रा के क्षेत्रीय अनुभवों और रिकॉर्डों का नतीजा है। यह यात्रा विवरण दो अंतरराष्ट्रीय कुरआनी सम्मेलनों में भागीदारी के दौरान लिखा गया और यह सिद्ध करता है कि दक्षिण पूर्व एशिया में शैक्षिक व कुरआनी संवाद की अपार क्षमता मौजूद है।
हुज्जतुल इस्लाम जाफ़र मूसवी ज़ादेह ने आगे कहा: इस यात्रा में विश्वविद्यालयों, कॉलेजों और कुरआनी केंद्रों में अनेक शैक्षिक व शैक्षणिक सत्र हुए और इस्लामी सोच, कुरआन और ईरान के समकालीन विद्वानों के विचारों को बहुत समर्थन मिला। इस किताब में दिए गए अनुभव विद्यार्थियों और शोधकर्ताओं को अंतरराष्ट्रीय स्तर पर शैक्षिक भागीदारी में मार्गदर्शन कर सकते हैं।
उन्होंने अपने भाषण के दौरान वैश्विक हौज़वी संगठनो को मजबूत करने की जरूरत पर प्रकाश डालते हुए कहा: हौज़ा ए इल्मिया को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर वास्तविक मुकाम हासिल करने के लिए हौज़वी संगठनो को सक्रिय करना आवश्यक है क्योंकि वैश्विक स्तर पर यही संगठन प्रभावकारी भूमिका निभाते हैं और प्रशासनिक ढांचे से स्वतंत्र होकर प्रभावी शैक्षिक एवं सांस्कृतिक संबंध स्थापित कर सकते हैं।
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