हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार ,ग़ज़्ज़ा पट्टी पर इज़रायली हमलों का सिलसिला एक बार फिर तेज़ हो गया है। बुधवार तड़के प्राप्त रिपोर्टों के अनुसार, पिछले कुछ घंटों में ग़ाज़ा शहर और दक्षिणी क्षेत्र ख़ान यूनुस पर हुए हवाई और ज़मीनी हमलों में कम से कम 20 फ़िलिस्तीनी शहीद हुए हैं, जबकि 50 से अधिक लोग घायल बताए जा रहे हैं।ग़ाज़ा के स्वास्थ्य सूत्रों का कहना है कि, घायलों में कई की हालत गंभीर है, जिससे मृतकों की संख्या बढ़ने की आशंका है।
अलजज़ीरा के संवाददाता ने बताया कि इज़रायली लड़ाकू विमानों ने ग़ाज़ा शहर के अल-जला सड़क क्षेत्र, उत्तर-पूर्वी इलाक़ों, अश-शुजाइया मोहल्ले और पश्चिमी हिस्सों में कई नागरिक घरों को निशाना बनाया। लगातार हो रहे हमलों के कारण बड़ी संख्या में लोग अपने घर छोड़ने को मजबूर हुए हैं। ध्वस्त इमारतों के मलबे में फंसे लोगों को निकालने के लिए स्थानीय बचाव दल सीमित संसाधनों के साथ संघर्ष कर रहे हैं।
रिपोर्टों में यह भी सामने आया है कि इज़रायली युद्धपोतों और टैंकों ने रफ़ाह शहर के तटीय इलाक़ों और आसपास के क्षेत्रों पर गोलाबारी की। इन हमलों के चलते कई इलाक़ों में बिजली और संचार सेवाएँ ठप पड़ गई हैं। अल-मयादीन नेटवर्क ने बताया कि, केवल एक घंटे के भीतर ही घरों, स्कूलों, स्वास्थ्य केंद्रों, शरणार्थी शिविरों और एक नागरिक वाहन पर आठ बड़े हवाई और तोपख़ाने से हमले किए गए।
ग़ाज़ा में बढ़ती हिंसा ने एक बार फिर मानवीय संकट को गहरा कर दिया है। स्वास्थ्य सेवाएँ पहले से ही चरमराई हुई हैं और अस्पतालों में दवाओं व ईंधन की भारी कमी है।
संयुक्त राष्ट्र और मानवाधिकार संगठनों ने नागरिक इलाक़ों पर जारी हमलों की निंदा करते हुए तत्काल युद्ध-विराम की अपील की है, जबकि स्थानीय लोगों का कहना है कि वे अब किसी सुरक्षित जगह की उम्मीद नहीं कर पा रहे हैं।
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