हौज़ा न्यूज़ एजेंसी के अनुसार , इज़राइल द्वारा बैरूत के दक्षिणी क्षेत्र दहिया पर किए गए हवाई हमले में हिज़्बुल्लाह के प्रमुख सैन्य कमांडर हैथम अली अल-तबतबाई की शहादत के बाद यह सवाल उठने लगे हैं कि इस कार्रवाई से पहले तेल अवीव और वॉशिंगटन के बीच किस तरह की समन्वय और बातचीत हुई थी। इस घटना के बाद लेबनान के खिलाफ नए मोर्चे के खुलने की आशंका और बढ़ गई है।
फिलिस्तीन में अल जज़ीरा के ब्यूरो चीफ़ वलीद अल-उमरी ने कहा कि उपलब्ध सूचनाओं से स्पष्ट है कि लेबनान में अपनी कार्रवाइयों को तेज़ करने के लिए इज़राइल को अमेरिका का पूरा और स्पष्ट समर्थन प्राप्त है। इसके बदले अमेरिका की यह इच्छा भी सामने आई है कि ग़ाज़ा में तनाव कम हो।
उनके अनुसार, इज़राइली सुरक्षा एजेंसियाँ यह नहीं मान रहीं कि हिज़्बुल्लाह इस हमले के जवाब में कोई बहुत बड़ा या मूलभूत हमला करेगा।
हमले के बाद लेबनान के एक सुरक्षा स्रोत ने अल जज़ीरा को बताया कि हिज़्बुल्लाह के सैन्य कमांडर हैथम तबतबाई इज़राइली हमले में शहीद हो गए। लेबनान के स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, इस हमले में 5 लोग शहीद और 28 घायल हुए।
इज़राइल ने अल तबतबाई जिन्हें सैयद अबू अली के नाम से भी जाना जाता है को हिज़्बुल्लाह के चीफ़ ऑफ स्टाफ के कार्यवाहक और संगठन की दूसरे नंबर की सबसे महत्वपूर्ण शख्सियत बताया।
बाद में हिज़्बुल्लाह ने आधिकारिक बयान में पुष्टि की:महान मुजाहिद कमांडर हैथम तबतबाई इज़राइली आक्रामकता के परिणामस्वरूप दक्षिणी दहिया में शहादत के दर्जे पर फ़ायज़ हुए।
हमले के तुरंत बाद अमेरिका ने एक बार फिर इज़राइली हमले को उचित ठहराने की कोशिश की। एक अमेरिकी अधिकारी ने अल जज़ीरा को बताया कि हिज़्बुल्लाह की सैन्य पुनर्निर्माण क्षमता ने इज़राइल को हालिया हफ्तों में लेबनान पर हमले बढ़ाने के लिए मजबूर किया है।
अमेरिकी अधिकारी के मुताबिक, हिज़्बुल्लाह की सैन्य क्षमताएँ घटने के बजाय बढ़ रही हैं, जिसने इज़राइल को संभावित युद्धविराम को लेकर गहरी चिंता में डाल दिया है।
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