अक्ल,हक़ की पैरवी
-
सय्यदा महदिया सफीउद्दीन सब्र ज़ैनबी और शुजात फातेमी का प्रतीक
हौज़ा / मानव जाति के इतिहास में, कई माताओं ने पैगंबरों, रसूलो, इमामों, औलिया, अभिभावकों, सहाबा और धर्म के बुजुर्गों को इस तरह से जन्म दिया है कि उन्होंने अल्लाह को, सृष्टि के उद्देश्य को पहचाना, उन्होंने स्वर्गीय धर्मग्रंथों की शिक्षा दी, ज्ञान, नम्रता, बुद्धि, तप, धर्मपरायणता, धर्मपरायणता, मानवता, समानता, अधिकार, शांति और प्रेम का संदेश दिया।
-
इत्रे क़ुरआनः
सूर ए बक़रा: बुद्धि ईश्वर का दिया हुआ उपहार है, वह जिसे चाहता है उसे प्रदान कर देता है
हौज़ा | केवल बुद्धिमानों को ही अल्लाह ताला के ज्ञान से सलाह मिलती है। तथ्य एवं धार्मिक ज्ञान का बोध बुद्धि की छाया में ही संभव है।
-
इस्लाम पार्ट आफ लाइफ नहीं वे ऑफ लाइफ है
हौज़ा / अपना अकीदा कुरान,मुस्तनद हदीस,उसूल दीन और अक्ल की रौशनी में गौर फिक्र कर के मानने वाले उलमाए किराम और दीनदार मुसलमान बड़े से बड़े तूफानों और आंधियों में भी सीसा पिलाई हुई दीवार बन कर खड़े रहते हैं और इस्लाम पर हमला करने वाले इस्लाम दुश्मनों को दलील से जवाब दे रहें है और उनके सामने दुश्मन टिक ही नहीं पाते।
-
:दिन की हदीस
अपनी अक्ल को इस तरह कामिल करें
हौज़ा/ हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अक्ल के कामिल होने के रास्ते की ओर इशारा किया हैं।