۳ آبان ۱۴۰۳
|۲۰ ربیعالثانی ۱۴۴۶
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Oct 24, 2024
अनुकंपाओं से ईर्ष्या
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
ईर्ष्या से सुरक्षा और अल्लाह की कृपा से प्रश्न
हौज़ा/ यह आयत लोगों को अपनी परिस्थितियों और अल्लाह के फैसलों से संतुष्ट रहने की हिदायत देती है। इसका उद्देश्य यह है कि पुरुष और महिला दोनों अपनी क्षमताओं और कर्मों के अनुसार अल्लाह द्वारा दिए गए आशीर्वाद से संतुष्ट हों और ईर्ष्या न करें।
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दुआ ए मकारेमुल अख़लाक़ और रमज़ान का महीना
हौज़ा/इस संसार के अन्त में लौटने का कोई मार्ग नहीं है ठीक उसी प्रकार जैसे अविकसित व विकरित बच्चा विकास करने एवं विकार दूर करने के लिये पुनः माता के पेट में नहीं जा सकता तथा पेड़ से टूटा हुआ फल दोबारा पेड़ में नहीं लग सकता।