अबू महदी अलमोहंदिस
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अबू महदी अल-मुहंदिस के उत्तराधिकारी शहीद रईसी और उनके साथियों को श्रद्धांजलि देने के लिए ईरान पहुंचे
हौज़ा / हशद अल-शाबी का एक उच्च स्तरीय प्रतिनिधिमंडल ईरानी राष्ट्रपति हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन सैय्यद इब्राहीम रईसी, ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर अब्दुल्लाहियान, इमाम जुमा तबरेज़ सैय्यद मुहम्मद अली आले हाशिम और उनके सहयोगी की शहादत पर संवेदना व्यक्त करने के लिए तेहरान पहुंचा।
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दिन की हदीस:
इमाम सादिक़ (अ) द्वारा वर्णित इमाम हुसैन (अ) की ज़ियारत का आश्चर्यजनक सवाब
हौज़ा / हज़रत इमाम जाफ़र सादिक़ (अ) ने एक रिवायत मे इमाम हुसैन (अ) के मक़ाम और मंज़िलत की ओर इशारा किया है
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क़ासिम सुलेमानी हर क्रांतिकारी के दिल में बसते हैं और आज भी दुश्मन, नेता के नाम से खौफ खाते हैं
हौज़ा / खाना ए फरहंग ईरान हैदराबाद सिंध ने शहीद सरदार कासिम सुलेमानी, शहीद अबू मेहदी अल मुहांदिस और शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिए "वैश्विक आतंकवादियों के खिलाफ प्रतिरोध के अग्रदूतों को श्रद्धांजलि" विषय पर एक सम्मेलन का आयोजन किया।
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दिन की हदीसः
स्वर्ग मे जाने की क़ीमत
हौज़ा / हज़रत इमाम अली (अ) ने एक रिवायत में जन्नत जाने की कीमत का वर्णन किया है।
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इराक के राष्ट्रपति को सरदार कासिम सुलेमानी के विषय पर एक पुस्तक दान किया गया
हौज़ा/बगदाद में ईरान के इस्लामी गणराज्य के राजदूत ने सरदार कासिम सुलेमानी और अबू महदी अलमुहंदिस के विषय पर इराकी राष्ट्रपति को एक पुस्तक भेंट की गई
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हज़रत इमाम मेंहदी अलैहिस्सलाम के जन्मदिन के अवसर पर संक्षिप्त परिचय
हौज़ा/हज़रत इमाम मेंहदी अ.स. की याद और उनके ज़ुहूर के बाद पूरी दुनिया में होने वाले परिवर्तनों का एहसास लोगों के दिलों में आशा की किरण बना हुआ है और आज नहीं कल पूरी दुनिया से अत्याचार और अत्याचारियों का अंत हो जायेगा और पूरी दुनिया में शांति और न्याय का बोलबाला होगा।
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:दिन की हदीस
हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम का हकीमाना शब्द
हौज़ा/हज़रत इमाम अली अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में अहेम मसाइल के लिए फिक्र को आज़ाद रखने की नसीहत की है।
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:दिन की हदीस
हज़रत रसूल अल्लाह(स.अ.व.व.) उस आदमी की ज़ियारत के लिए जाएंगे
हौज़ा/हज़रत रसूल अल्लाह( स.अ.व.व.) ने एक रिवायत में ऐसे आदमी की पहचान कराई है जिसकी ज़ियारत के लिए वो खुद जाते हैं।
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इराक उलमा काउंसिल के अध्यक्षः
अगर अबू महदी और ईरानी भाइयों का बलिदान ना होता तो पोप मूसिल नहीं जा सकते थे
हौज़ा / शेख खालिदुलमला ने जोर देकर कहा कि अगर आयतुल्लाहिल उज़मा सिस्तानी का जिहाद-ए-किफ़ाई का फतवा और अबू मेहदी अल-मोहंदिस और ईरानी भाइयों की शहादत ना होती तो पोप फ्रांसिस मुसिल की यात्रा नहीं कर सकते थे।