अय्यामे अज़ा ए फातेमा
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भारत में अय्यामे अज़ा ए फातेमी के मौके पर देश के कोने-कोने में किताबें और बैनर पहुंचाए गए
हौज़ा / शहज़ादी फातिमा ज़हरा से संबंधित किताबें और बैनर अय्यामे अज़ा ए फातिमा के अवसर पर और फातिमा जागरूकता के शीर्षक के तहत भारत के विभिन्न हिस्सों में अल जवाद फाउंडेशन द्वारा वितरित किए गए।
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आंध्र प्रदेश शिया उलेमा बोर्ड के अध्यक्ष और सदस्य:
"अखिल भारतीय शिया उलमा परिषद्" के कुछ विद्वानों के खिलाफ मुंबई में प्राथमिकी दर्ज करना निंदनीय है
हौज़ा / हम उनके इस जघन्य कृत्य की न केवल कड़ी निंदा करते हैं बल्कि यह भी घोषणा करते हैं कि जब तक विद्वानों का यह कारवां सही दिशा में आगे बढ़ता रहेगा, हम हर संभव समर्थन के लिए तैयार हैं।
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ज़हरा (स.अ.) न केवल महिलाओं के लिए सैयदा है बल्कि सभी प्राणियों के लिए सैयदा है, मौलाना शेख नज़ीर मेहदी मोहम्मदी
हौज़ा / जमीयत-उल-उलेमा इसना अशरी कारगिल के अध्यक्ष ने कहा कि ज़हरा (स.अ.) की जीवनी यह है कि किसी को नमाज़ अदा करने में आलसी नहीं होना चाहिए और अव्वले वक्त नमाज़ अदा करने की कोशिश करनी चाहिए।
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रामपुर मंगोरा डेला, अम्बेडकर नगर
हज़रत फातिमा ज़हरा मानवता के लिए सर्वश्रेष्ठ मॉडल: ओलामा ए इकराम
हौज़ा / मौलाना नामदार अब्बास ने सभा को संबोधित करते हुए कहा कि अगर आम आदमी से अच्छी राय (हुसने ज़न) रखी जाए तो अता मे कमी नहीं होती है। इसी प्रकार अगर खुदा से हुसने ज़न रखा जाए तो लोक और परलोक की खुशी मनुष्य को प्राप्त होती है।
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हज़रत ज़हरा (स.अ.) की शहादत के दिनो मे इमाम रज़ा (अ.स.) की दरगाह मे मजलिस का आयोजन
हौज़ा / इस्लाम के पैगंबर (स.अ.व.व.) की बेटी हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) की शहादत के दिनों के अवसर पर इमाम अली रज़ा (अ.स.) की दरगाह के विभिन्न प्रांगणों और पोर्चों में सेमिनार और शोक सभाएं आयोजित की गई।
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आज पूरी दुनिया में सादात इकराम की मौजूदगी यह बता रही है कि पैग़ंबरे इस्लाम स.ल.व.व.कि नस्ल उनकी बेटी के ज़रिए हर जगह फैली हुई हैः मौलाना कल्बे जावाद नकवी
हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़मा ख़ामेनेई के कार्यालय की ओर से हुसैनिया सिब्तैनाबाद में आयोजित दूसरी मजलिस को खिताब करते हुए मौलाना क़ल्बे जावाद नकवी ने कहा, जिस वक्त दुश्मन पैग़ंबरे इस्लाम पर ताना देते थे की अल्लाह ने उनकी नस्ल को कत्अ कर दिया है उस वक्त अल्लाह तआला ने सूरा ए कौसर को नाज़िल किया और आपको हजरत फातेमा ज़हरा की सूरत में बेटी आता कि आज उन्हीं कि नस्ल पूरी दुनिया में फैली हुई है।
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हज़रत फ़ातिमा ज़हरा (स.अ.) के महान बलिदानों का उल्लेख अय्यामे अज़ा ए फातिम्या की मजलिसो में किया जाना चाहिए, सैयदा ज़हरा नकवी
हौज़ा / अगर हम जनाबे सैयदा (स.अ.) के जीवन का ध्यानपूर्वक अध्ययन करते हैं, तो बीबी दो आलम ने अपने चाहने वालो को अपनी करनी और कथनी के माध्यम से हर युग मे सबसे महत्वपूर्ण कार्य अर्थात विलायत का पालन करने और विलायत की रक्षा करने के लिए आमंत्रित कर रही है।
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इमामे जुमआ नजफ अशरफ:
हज़रत ज़हरा (स.अ.) की शहादत उम्मत के विचलन का प्रमाण है
हौज़ा / हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन सैय्यद सदरुद्दीन कबांची ने कहा कि हज़रत फातिमा ज़हरा (स.अ.) धर्म की रक्षक और हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) की पहली रक्षक थीं और उन्हें रोल मॉडल माना जाता है। धर्म की रक्षक हज़रत फ़ातिमा (स.अ.) की शहादत अल्लाह के रसूल के बाद उम्मत के विचलन का प्रमाण है।