अल्लामा सिब्तैन सब्ज़ावारी
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आले मुहम्मद के मिशन के लिए अपना जीवन देना हमारे लिए एक सम्मान की बात हैः अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी
हौज़ा / एसयूसी पाकिस्तान के उपाध्यक्ष का कहना है कि मैं स्पष्ट कर रहा हूं कि भविष्य में भी मुझे डर है कि कहीं कोई हमला न हो जाए. अगर कुछ होता है, तो प्रबंधन जिम्मेदार होगा। जो डराना चाहते हैं, वे याद रखें कि हम डरते नहीं हैं, हम शांति चाहते हैं, हम हमेशा धैर्यवान रहे हैं, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि हम डरपोक हैं, हम अपने घरों में छिप जाएंगे, ऐसा नहीं होगा।
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लाहौर में नारे हैदरी लगाने पर युवक की हत्या
हौज़ा/ताहीम पार्क लाहौर पाकिस्तान में नारे हैदरी लगाने पर एक युवक की हत्या कर दी गई
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सैय्यदुल मुरसलीन के रौज़ा ए मुकद्दस पर नारेबाज़ी की निंदा करते हैं। अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी
हौज़ा/केंद्रीय उपाध्यक्ष शिया उलेमा परिषद पाकिस्तान अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी, राजनीति में धर्म कार्ड का नकारात्मक उपयोग और मदीना हुकूमत के दावे के विपरीत हैं सियासत में ,राजनीति और सहिष्णुता को बढ़ावा दिया जाना चाहिए।
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स्वतंत्र न्यायपालिका सभी वर्गों के समाज के अधिकारों की रक्षा कर सकती है। अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी
हौज़ा/ इस्लामी तहरीक पाकिस्तान के मरकज़ी उपाध्यक्ष का कहना था,कि संविधान की सर्वोच्चता के लिए न्यायपालिका की निष्पक्षता और मीडिया की स्वतंत्रता अनिवार्य है,लेकिन व्यावहारिक रूप से स्थिति अलग है।
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जहां ईदे मिलादुन्नबी के जुलूस संभव नहीं है, अहले सुन्नत के जुलूसो में शामिल हो, अल्लामा सिब्तैन सब्ज़वारी
हौज़ा / शिया उलेमा परिषद उत्तर पंजाब ने एकता सप्ताह के अवसर पर ईद मिलाद-उन-नबी जुलूस की घोषणा की।
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अज़ादारी का दुश्मन कभी भी मिल्लते जफरिया को डरा नहीं सकता, अल्लामा सब्ज़वारी
हौज़ा/एफआईआर दर्ज करने और फोर्थ शेड्यूल जैसी नकारात्मक रणनीति हमें इमाम हुसैन अ.स. के शोक से दूर नहीं कर सकती।अरबईन ने वॉक के खिलाफ एफआईआर दर्ज करने की हम कड़ी निंदा करते हैं।
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टिक टॉकर से बदसलूकी को आशूरा पर दहशत गर्दी से अधिक संगीन क़रार देना बे हिसी है, अल्लामा सिब्तैन सब्ज़ावारी
हौज़ा / टिक टॉकर की अपनी हरकत जैसी भी थी लेकिन किसी को भी इस बात की अनुमति नही दी जा सकती कि वह किसी महिला की इज़्ज़त पर हाथ डाले और उससे दस्त तराज़ी करे लेकिन बहावलनगर में शोक जुलूस ए अज़ा पर मस्जिद से हुए आतंकवादी हमले को एक निजी टीवी चैनल तक सीमित कर देना। फैय्याज़ुल हसन चौहान की नासेबी सोच को दर्शाता है।