हौज़ा / पैग़म्बर (स) ने एक रिवायत में आदिल तरीन इंसान की पहचान का वर्णन किया है।
हौज़ा / मरहूम आयतुल्लाह हायरी शीराज़ी अपनी बातों में इस बात पर ज़ोर देते हैं कि नमाज़ को अच्छे तरीक़े से और उचित आदाब व शरायत के साथ अदा करनी चाहिए।