हौज़ा / अहले सुन्नत इमाम जुमा ने कहा: अगर इमाम हुसैन का क़याम नहीं होता, तो आज इस्लाम का कोई नाम और निशान नहीं होता। आज इस्लामी जगत इमाम हुसैन (अ.स.) के बलिदान और शहादत का ऋणी है।