۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
आदमी को भरोसा
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शरई अहकाम:
जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रख ले और बाद में उसे पता चले कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक था तो क्या हुक्म है?
हौज़ा / जिस आदमी को भरोसा हो कि रोज़ा रखना उसके लिए हानिकारक नहीं है, वह रोज़ा रखले और मग़रिब के बाद इसे पता चले की रोज़ा रखना उसके लिए ऐसा हानिकारक था कि जिसकी परवाह की जाती तो( एहतेयात ए लाज़िम) की बिना पर उस रोज़े की कज़ा करना ज़रूरी है।