हौज़ा / इबादत जिन्नात और इंसान की पैदाइश का मक़सद और इंसानियत की मेराज है। लेकिन इस नुक्ते की तरफ़ ध्यान देना ज़रूरी है कि कमाल "आबिद" (इबादत करने वाला) होने में नहीं, बल्कि "अब्द" (बंदा बनने)…