۱ آذر ۱۴۰۳
|۱۹ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 21, 2024
आयुत्लाहिल उज्मा खामेनई
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शरई अहकामः
पुरुषों के लिए अहले-बैत (अ) की मजलिस में गैर-महरम महिलाओं के रोने की आवाज सुनने का क्या हुक्म है?
हौज़ा | जब तक इसमें कोई बुराई या भ्रष्टाचार न हो तब तक इसमें कोई बुराई नहीं है।