۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
आशूरा का दिन
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:दिन कि हदीस
आशूर के दिन ग़म और गिरिया और रोने का सवाब
हौज़ा/हज़रत इमाम रज़ा अलैहिस्सलाम ने एक रिवायत में आशूर के दिन ग़म और गिरिया और रोने के सवाब की ओर इशारा किया हैं।
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इमाम ख़ुमैनी र.ह. की जबानी "کُلُّ یَوْمٍ عَاشُورَا و کُلُّ اَرْضٍ کَرْبَلا"का अर्थ
हौज़ा/ कर्बला का किरदार यह था कि इमाम हुसैन अ.स.एक छोटे से काफिले के साथ कर्बला आए और यज़ीद और ज़ालिम हुकूमत के ज़ुल्मों सितम के खिलाफ डटकर मुकाबला किया और कुर्बानियां दी और मारे गए लेकिन उन्होंने ज़ुल्म को कुबूल नहीं किया हमारी कौम को भी यह समझ लेना चाहिए कि आज ही अशूरा है और हमें ज़ुल्म के खिलाफ खड़ा होना हैं।