۱۳ تیر ۱۴۰۳
|۲۶ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 3, 2024
आशूरा का पैग़ाम
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हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमीन आलीजनाब मौलाना सैयद सफी हैदर ज़ैदी
वीडियो / तूलानी कार्यक्रमों से संबंधित महत्वपूर्ण संदेश
हौज़ा / वर्तमान पीढ़ी गुलदस्ते का फूल बन गयी है, उसके अनुरूप कार्यक्रम बनाने की आवश्यकता है।
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आशूरा का पैग़ाम, ख़ुद इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम की ज़बानी
हौज़ा/हज़रत इमाम हुसैन अलैहिस्सलाम का कर्बला में आकर ज़ुल्म के ख़िलाफ़ आवाज़ उठाने का कारण इस्लामी समाज में पैदा की गई वह गुमराहियां और बिदअतें थीं जिसकी बुनियाद सक़ीफ़ा में रखी गई थी,सन 40 हिजरी के बाद से हुकूमत जब बनी उमय्या के पास आई उस समय से लेकर 20 साल तक बनी उमय्या ने दीन का ऐसा मज़ाक़ बनाया कि उसकी तस्वीर ही बदलकर रख दी, हद तो तब हुई जब बनी उमय्या ने यज़ीद जैसे काफ़िर शैतान को हुकूमत के लिए चुन लिया, जिसके बाद गुमराही, बिदअतें और इस्लामी क़ानून का मज़ाक़ खुले आम उड़ाया जाने लगा, ऐसा लग रहा था जैसे जेहालत का दौर इस्लाम का रूप धारण कर वापस आ गया हो।