हौज़ा/ हज़रत अली अलैहिस्सलाम ने यह जुमला(फ़ुज़्तु बे रब्बील काबा ,काबे के रब की क़सम मैं कामियाब हो गया)तब फ़रमाया जब नमाज़ में हालते सजदे में आप को अब्दुल रहमान इब्ने मुलजिम मलऊन ने ज़र्बत लगाई