۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
इंसान की कमज़ोरी
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इंसान की कमज़ोरी का पता कठिनाइयों में चलता हैं।
हौज़ा/हम सबके यहाँ कमज़ोरियां पाई जाती हैं, हम कमज़ोर हैं और कितनी ऐसी कमज़ोरियां हैं कि कठिन हालात का सामना होने पर इंसान की वह कमज़ोरियां स्वाभाविक तौर पर ज़ाहिर होती हैं। हम अपनी कमज़ोरियों को पहचानें, इंसान घमंड और ग़फ़लत से निकल जाए,