हौज़ा / ख़तीब हरम मासूमा क़ुम (स) ने कहा: जब तक हमारा पहनावा, हमारी कमाई, हमारी सेवाएँ और यहाँ तक कि हमारा खाना, सोना और जागना तौहीदी नहीं है, हमारी इबादत कभी तौहीदी नहीं हो सकती।