हौज़ा / मोहर्रम का चांद दिखाई देते ही नवासा ए रसूल हज़रत इमाम हुसैन की शहादत का ग़म का दिन शुरू हो गया हैं साथ ही हाय हुसैन की सदाए बुलंद हुई।