۱۸ تیر ۱۴۰۳
|۱ محرم ۱۴۴۶
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Jul 8, 2024
इमाम हुसैन के मार्ग पर चलना
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ज़िन्दगी और मौत के अर्थ को समझना बहुत ज़रूरी है। मौलाना क़मर सुल्तान
हौज़ा/कर्बला का ज़िक्र सुनने के बाद अली के दिल में इंसानियत के लिए दर्द कितना था,आज अगर दुनिया में हज़रत अली की व्यवस्था लागू हो जाए तो दुनिया बदल सकती है, भूख, गरीबी, आतंकवाद, इन सभी चीज़ों को खत्म किया जा सकता है।