۱۸ آبان ۱۴۰۳
|۶ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 8, 2024
इल्मियत और अख़लाक़ी
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मौलाना मुमताज़ अली मरहूम इल्म, ख़ुलूस और इंकेसारी के पैकर थे।मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा / मौलाना मुमताज़ अली की सादगी इल्मियत और अख़लाक़ी अज़मत ने हर दिल में जगह बनाई वह एक ऐसे मार्गदर्शक और उस्ताद थे जिन्होंने न सिर्फ अपने इल्म से बल्कि अपने किरदार से भी रहनुमाई की,उनकी जुदाई से इल्मी और मज़हबी हल्का एक अज़ीम रहनुमा से महरूम हो गया उनकी शख्सियत का ख़ुलूस इंकेसारी और शफक़त हमेशा दिलों में ज़िंदा रहेगी।