ईदे मुबाहिला
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आयतुल्लाह सय्यद मुहम्मद सईदी:
एक ईमानदार व्यक्ति सही तरीके से काम करता है भले ही वह उसके नुकसान मे हो
हौज़ा / हरम मुताहर हज़रत मासूमा (स) के मुतावल्ली ने कहा: कुछ लोग चुनाव के दौरान एक-दूसरे पर कीचड़ उछालते हैं और चुनाव के बाद नतीजों के बारे में नहीं सोचते हैं। उन्होंने कहा: हम सभी की विशेष रूप से धार्मिक संगठनों और समितियों की सबसे महत्वपूर्ण जिम्मेदारियों में से ए, "इस्लामी नैतिकता को स्पष्ट करना और उसपर अमल करना" है।
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ईद ए मुबाहिला यह ईज सुन्नते इलाही है। मौलाना आशिक हुसैन
हौज़ा / ईद ए मुबाहिला असल में इस बात की दलील है कि रसूल के बाद हुकूमत का हक़ और रसूल अहले बैत अ.स. के असली वारिस कौन हैं।
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हदीसों में मुबहेला का जिक्र
हौज़ा / जब आयत मुबलेहा "पैगंबर के आगमन के बाद, उन लोगों से कहें जो आपके खिलाफ बहस करते हैं: आओ, हम अपने बच्चों, अपनी पत्नियों और अपनी नफसोको बुलाएं, और फिर भगवान के सामने प्रार्थना करें और झूठो पर भगवान का श्राप हो"।
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इस्लामी कैलेंडरः
24 ज़िलहिज्जा 1444 - 13 जुलाई 2023
हौज़ा / इस्लामी कैलेंडर: 24 ज़िलहिज्जा 1444 - 13 जुलाई 2023
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अम्र बिल-मारूफ़ और नही अज़-मुनकर की छाया में धर्म का पुनरुद्धार
हौज़ा/ अम्र बिल-मारुफ़ और नहीं-अज़ मानकर समिति समाज के सांस्कृतिक निर्माण, रोल मॉडल और व्यवहार निर्माण जैसे तीन तत्वों के माध्यम से लोगों के बीच सामाजिक जिम्मेदारी की भावना को बढ़ावा देने और मजबूत करने का प्रयास करती है।
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ईदे मुबाहिला सुन्नते इलाही है, मौलाना आशिक हुसैन
हौज़ा/ईदे मुबाहिला असल में इस बात की दलील है कि रसूल के बाद हुकूमत का हक़ और रसूल अहले बैत अ.स. के असली वारिस कौन हैं।
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आज सच्चाई जीत गई
हौज़ा/ हुज्जतुल इस्लाम मौलाना सैय्यद ग़ाफिर रिज़वी फलक ने कहां,इस्लाम ने हमेशा सच बोलने की आज्ञा दी है और जीत हमेशा सच की होती है। ।यही वजह है कि मुबाहेले के दिन सच्चाई की जीत हुई, झूठ किसी भी मैदान में देर तक नहीं टिकता है। जब भी सच के मुकाबले में आएगा वह मुंह की खायेगा