हौज़ा / आयतुल्लाहिल उज़्मा नूरी हमदानी ने कहा है कि इतिहास गवाह है, इमाम की ग़ैबत के बाद से उलेेमा ने धर्म और आस्थाओं की रक्षा के लिए कठिनाइयाँ सहन कीं, विचलनों को रोका और कभी-कभी शहादत के स्तर…