۳۰ شهریور ۱۴۰۳
|۱۶ ربیعالاول ۱۴۴۶
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Sep 20, 2024
उरूज जौनपुरी
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डॉ. मौलाना काजिम मेहदी उरूज जौनपुरी:
अगर मौला का अर्थ शासक और संरक्षक नहीं है, तो हारिस इब्न नुमान फ़हरी ने सज़ा की मांग क्यों की?
हौज़ा / मौलाना डॉ. काज़िम मेहदी उरूज ने मजलिस-ए-अज़ा को संबोधित करते हुए कहा कि आज कुछ लोग मौला के अर्थ को लेकर तरह-तरह की बातें बनाते हैं, उनका कहना है कि मौला का मतलब शासक और अभिभावक नहीं, बल्कि दोस्त होता है। मैं उनसे पूछना चाहता हूं कि अगर मौला का मतलब शासक और संरक्षक नहीं है, तो कल ग़दीर ख़ुम में हारिस इब्न नुमान फ़हरी ने अपने लिए सज़ा क्यों मांगी?