۱۴ آذر ۱۴۰۳
|۲ جمادیالثانی ۱۴۴۶
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Dec 4, 2024
एहतियाते वाजिब की बिना पर
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शरई अहकाम:
क्या गोबार को हल्क तक पहुंचाने से रोज़ा बातिल हो जाता हैं?
हौज़ा / एहतियाते वाजिब की बिना पर (कसीफ)गोबार को हल्क तक पहुंचाना रोज़ा को बातिल कर देता है चाहे गोबार किसी ऐसी चीज़ का हो जिसका खाना हलाल हो जैसे आटा या किसी ऐसी चीज़ का हो जिसका खाना हराम हो जैसे मिट्टी