۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
ऐसी हालत में क्या हुक्म है
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शरई अहकाम:
मज़दूरी तय करने का तरीक़ा
हौज़ा/कभी कभी कारीगर काम करते वक़्त मज़दूरी की बात नहीं करता और काम लेने वाला भी काम के बाद कारीगर की मज़दूरी के मुतालबे को ज़्यादा समझता है और क़ुबूल नहीं करता, ऐसी हालत में क्या हुक्म है?