۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 22, 2024
कर्म
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दिन की हदीसः
नमाज़ और रोज़े से बेहतर कर्म
हौज़ा / पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) ने एक रिवायत में नमाज़ और रोज़े से बेहतर कर्म की ओर संकेत किया हैं।
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हुज्जतुल इस्लाम वल मुस्लेमीन फ़रहजाद:
जन्नत हमारे कर्मों का प्रतिफल नहीं बल्कि ईश्वर की कृपा है
हौज़ा / धार्मिक ज्ञान के शिक्षक ने कहा: पवित्र पैगंबर (स.अ.व.व.) ने फ़रमाया: "कोई भी अपने कर्मों के कारण स्वर्ग का हकदार नहीं है, बल्कि भगवान की कृपा और दया के कारण मनुष्य स्वर्ग में जाता है"।
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बेअस्त मानवता की दुनिया पर अल्लाह की एक खास दया और इनायत का नाम है. मौलाना तकी अब्बास रिज़वी
हौज़ा /पैगंबरों के बेअस्त का मकसद खुदा इंसान और ब्रह्मांड के बीच संबंध स्थापित करना था, मगर रसूल अल्लाह( स.ल.व.व.) की बेअस्त का मकसद तौहीद की तरफ दावत देना, लोगों को खुशखबरी और अल्लाह के एतबार से जिंदगी गुजारने का सही तरीका ,शिक्षा और लोगों की शुद्धि के अनुसार जीने के लिए मार्गदर्शन करना, धर्म का पालन कराना और खुदा की इबादत करने का अपना तरीका बना लेना।