कांफ्रेंस
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इत्रे क़ुरआनः सूर ए नेसा !
ज्ञान के बिना आस्था की व्यर्थता और सत्य से विचलन
हौज़ा / यह आयत हमें सिखाती है कि ज्ञान के बावजूद अगर इरादे और काम में गड़बड़ी हो तो इंसान सही दिशा से भटक सकता है। अल्लाह की नज़र में सच्चाई केवल उसी व्यक्ति की है जो अपने ईमान, नैतिकता और कार्यों पर दृढ़ है।
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"पैग़म्बर (स) की जिंदगी देशवासीयो तक पहुंचाना जरूरी है"
हौज़ा / 'हुज़ूर मुहम्मद (स) सबके लिए' अभियान के तहत इस्लाम जिमखाना में वरिष्ठ गैर-मुस्लिम पत्रकारों के साथ कार्यक्रम, शांति और भाईचारे पर जोर।
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अहले-बैत की विश्व सभा के प्रमुख:
मुसलमान पूरी इंसानियत के प्रति अपनी ज़िम्मेदारी महसूस करते हैं
हौज़ा/ ब्राज़ील में आयोजित अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन में हुज्जतुल-इस्लाम वल-मुस्लेमिी रमज़ानी, "इस्लाम; संवाद और जीवन के धर्म के बारे में बात करते हुए उन्होंने कहा: मानवता पर ध्यान केंद्रित करते हुए धर्मों के बीच संवाद एक आवश्यक चीज है, मनुष्य की गरिमा और सम्मान को ध्यान में रखते हुए, हमें न्याय, तर्कसंगतता और अर्थ को नजरअंदाज नही करना चाहिए, अगर इसे नजरअंदाज नही किया जाता है तो संसार ही स्वर्ग बन जायेगा।
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तस्वीरें / जामिया इमाम जाफ़र सादिक (अ) जौनपुर द्वारा "चुगली का सही और गलत इस्तेमाल" शीर्षक से एक भव्य कांफ़्रेंस का आयोजन
हौज़ा / जौनपुर भारत; जामिया इमाम जाफ़र सादिक (अ) के सदर इमाम बाड़ा समारोह हॉल में बड़ी संख्या में विद्वानों की उपस्थिति में "चुगली का सही और गलत उपयोग" शीर्षक से एक भव्य सम्मेलन आयोजित किया गया था।
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यहूदी विद्वान: नेतन्याहू काफ़िर हैं, फ़िलिस्तीन पर कब्ज़ा वर्जित है
हौज़ा/ एक यहूदी विद्वान ने एक टीवी कार्यक्रम में ज़ायोनी प्रधान मंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को काफिर कहा है।
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पैगंबर (स.अ.व.व.) का पवित्र अस्तित्व धर्मों के सभी अनुयायियों के लिए एक आदर्श है
हौजा / भारत मे वली फ़क़ीह के प्रतिनिधि ने पैगंबर (स.अ.व.व.) के पवित्र अस्तित्व को सभी धर्मों के अनुयायियों के लिए एक मॉडल के रूप में करार दिया और भारत सरकार की तत्काल प्रतिक्रिया की सराहना की और पवित्र धर्मों और संप्रदायों की पवित्रता बनाए रखने पर जोर दिया।
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काफिर सरकार रह सकती है, दमनकारी सरकार नहीं, मौलाना अख्तर अब्बास जौन
हौज़ा / मौलाना अख्तर अब्बास जौन ने भारत की मौजूदा स्थिति के संदर्भ में कहा कि एक आस्तिक को ऐसे युग में कैसे रहना चाहिए, इसका सबक इमामों के जीवन से मिलता है।
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अमीरूल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) से मोहब्बत का अर्थ है कि आपके कथन को समझा जाए और उसे व्यवहारिक बनाया जाए
हौज़ा / वक्ताओं ने मुस्लिम और गैर-मुस्लिम विचारकों और बुद्धिजीवियों की दृष्टि में नहजुल बालाग़ के महत्व को समझाया और इस बात पर जोर दिया कि अमीरूल मोमेनीन हज़रत अली (अ.स.) से मोहब्बत का अर्थ है कि आपके कथन को समझा जाए और उसे व्यवहारिक बनाया जाए ताकि दुनिया और परलोक का सुख प्राप्त किया जा सके।
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कारगिल में " फ़लसफ़ा ए अज़ादारी ए इमाम हुसैन (अ.स.) नामक सेमीनार:
शांति और सद्भाव के लिए काम करना इमाम हुसैन (अ.स.) का मार्ग है, मुक़र्रेरीन
हौज़ा / सेमीनार के वक्ताओं ने इमाम हुसैन (अ.स.) की अज़ादारी और शहादत के फ़लसफ़े पर विस्तार से बताया और समाज के विभिन्न वर्गों और विभिन्न धर्मों के बीच शांति और सद्भाव पर जोर दिया।
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जिहाद और प्रतिरोध के सिद्धांतों को जीवित रखने पर आयतुल्लाहिल उज़्मा नासिर मकारिम शिराज़ी का जोर
हौज़ा / देश के सांस्कृतिक अधिकारियों और निर्वाचन क्षेत्र नीति निर्माताओं विशेष रूप से पवित्र प्रतिरक्षआ फाउंडेशन के अधिकारियों को जिहाद और प्रतिरोध के सिद्धांतों को पहचानने और आने वाली पीढ़ियों के लिए प्रतिरोध और जागरूकता की संस्कृति को पारित करने के लिए अधिक ध्यान देने की आवश्यकता है ताकि जिहाद, रक्षा और बलिदान की भावना हमेशा जीवित रहे और इसकी छाया में शांति और व्यवस्था बनी रहे।
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हम और हमारी अज़ादारी दोनो खुदा पसंद हो, उलेमा और दानिशवराने लखनऊ
हौज़ा / लखनऊ में तंजीमे इमाम सज्जाद द्वारा "हम और हमारी अज़ादारी" पर एक अकादमिक संगोष्ठी का आयोजन किया गया। जिसमे मौलाना अख़्तर अब्बास जौन कर्बला और अक़लानियत पर निहायत महत्वपूर्ण मतालिब के जिम्न मे बयान किया कि अज़ादारी और दीनदारी मे अक़ल को हाकिम होना चाहिए।