हौज़ा / हज़रत आयतुल्लाहिल उज़मा सैयद अली ख़ामेनेई ने फरमाया,क़ुरआन और हदीस में शहादत की बहुत अधिक फ़ज़ीलतें बयान की गई हैं जैसे शहीद ज़िन्दा होता है उसे दूसरों की शफ़ाअत का अधिकार दिया गया है…