हौज़ा / हत्या, मारपीट, हिंसा और कौमार्य की पुष्टि जैसी चिंताएं एक बार फिर अफगान महिलाओं के दिमाग में आ गई हैं क्योंकि तालिबान ने अपने अतीत में महिलाओं पर इस तरह के अत्याचारों को अंजाम दिया है।