۱۵ تیر ۱۴۰۳
|۲۸ ذیحجهٔ ۱۴۴۵
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Jul 5, 2024
ख़िलाफ़त और विलायत
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हज़रत इमाम मूसा काज़िम अलैहिस्सलाम ने हारून के सामने इशारों में कह दिया कि ख़िलाफ़त मेरा हक़ है
हौज़ा/आपने यह हदीस तो बार बार सुनी है, अलबत्ता इंसान जब हदीस को सुने तो ज़रूरी है कि उसके रुख़ को समझने की कोशिश करे, उसे इल्म होना चाहिए कि उसका रुख़ क्या है, किस चीज़ की ओर रुख़ है।