۵ آذر ۱۴۰۳
|۲۳ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 25, 2024
ग़रीबों और फ़क़ीरों की मदद
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शाबान के महीने में रोज़े रखने की अहमियत
हौज़ा/हज़रत इमाम सादिक़ अ.स. से किसी ने माहे रजब के रोज़े के बारे में पूछा तो आपने फ़रमाया शाबान के रोज़े से क्यों ग़ाफ़िल हो? आपसे सवाल किया गया कि माहे शाबान में एक रोज़े का कितना सवाब है? आपने फ़रमाया ख़ुदा की क़सम एक रोज़े का सवाब जन्नत है