۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
ग़ुलाम
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जीत हमेशा उन्हीं की होती है जो गुलामी की बेड़ियां तोड़ते हैंः सायरा इब्राहीम
हौज़ा / गुलामीकी सोच रखने वाला कभी मुसलमान नहीं हो सकता क्योंकि इस्लाम हमें आजादी सिखाता है और किसी यहूदी की गुलामी किसी मुसलमान को बर्दाश्त नहीं करनी चाहिए।
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दिन की हदीसः
यह व्यक्ति एक गुलाम है
हौज़ा / हज़रत अमीरुल मोमेनीन (अ.स.) ने एक रिवायत में एक स्वतंत्र और गुलाम आदमी के संकेतों की ओर इशारा किया है।