۴ آذر ۱۴۰۳
|۲۲ جمادیالاول ۱۴۴۶
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Nov 24, 2024
चापलूसी
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मोमिन चापलूसी नहीं कर सकता: मौलाना सैयद अली हाशिम आब्दी
हौज़ा /जब से यह दुनिया बनी है न जाने कितने बड़े बड़े हादसे हुए कि जिस से इंसान कांप गया लेकिन जैसे जैसे वक़्त गुज़रा उस का असर कम हो गया और उन में से ज़्यादा तर हादसे लोग भूल भी गये, लेकिन जो हादसा 10 मुहर्रम 61 हिजरी को करबला में हुआ वह कल भी ताज़ा था और आज भी ताज़ा है, इमाम हसन अ०स० ने इमाम हुसैन अ०स० से फरमाया: जैसा ग़म का दिन तुम्हारा है वैसा कोई दिन नहीं है! इसी तरह इमाम ज़ैनुल आब्दीन अ०स० ने फरमाया: जैसा ग़म का दिन मेरे वालिद (इमाम हुसैन अ०स०) का है वैसा कोई दिन नहीं है!