۲ آذر ۱۴۰۳
|۲۰ جمادیالاول ۱۴۴۶
|
Nov 22, 2024
ज़िम्में हज वाजिब था
Total: 1
-
शरई अहकाम:
अगर किसी शख्स ने मरते वक्त कोई वसीयत नहीं की हो तो उसकी मिरास इस तरह तक्सीम होगी?
हौज़ा/अगर मरने वाला कर्जदार हो या उसके ज़िम्में हज वाजिब था, तो इससे अदा किया जाएगा और बाकी को प्रत्येक के हिस्से के अनुसार उत्तराधिकारियों में बांट दिया जाएगा।